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दया की शक्ति

एकदा
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नेपोलियन बोनापार्ट को अपने सैनिकों से गहरा लगाव था। एक बार की घटना है, नेपोलियन की सेना में एक सैनिक को देशद्रोह के आरोप में मृत्युदंड सुनाया गया। जब यह बात उस सैनिक की वृद्ध मां को पता चली, तो वह नेपोलियन से मिलने पहुंची। वह कांपती आवाज में बोली, ‘मेरा बेटा अपराधी हो सकता है, पर वह एक अच्छा बेटा भी है। उसे एक मौका दें।’ नेपोलियन ने गंभीरता से कहा, ‘आपका बेटा देश से गद्दारी का दोषी है और न्याय की दृष्टि से उसे क्षमा नहीं किया जा सकता।’ मां ने उत्तर दिया, ‘मैं न्याय की नहीं, दया की याचना कर रही हूं।’ नेपोलियन इस उत्तर से इतना प्रभावित हुआ कि वह चुप हो गया। थोड़ी देर बाद बोला, ‘ठीक है, उसे एक अवसर मिलेगा। दया भी एक शक्ति है।’ नेपोलियन ने सैनिक की सजा माफ कर दी और उसे पुनः सेना में बहाल किया। वह सैनिक बाद में नेपोलियन की सबसे वफादार टुकड़ियों में शामिल रहा और कई युद्धों में वीरता से लड़ा।

प्रस्तुति : देवेन्द्रराज सुथार

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