कई बार हम सोचते हैं कि जो हो रहा है, वह हमसे ही हो रहा है, और किसी शक्ति का इसमें क्या लेना-देना है। लेकिन यह हमारा भ्रम है, असल में यह सब उस सर्वशक्तिमान की कृपा है।
वर्तमान जीवनशैली में बड़ी भागमभाग है। दुनिया तेज़ी से बदल रही है, और शायद पहले जैसा समय नहीं रहा। जिनसे हम अपने जीवन में मिलते हैं, वे भी लगातार बदलते रहते हैं। यह परिवर्तन हमें कभी आश्चर्यचकित करता है, तो कभी परेशान करता है। लेकिन यदि हम उस परमशक्ति से जुड़कर यह अनुभव करें कि जो भी हो रहा है, वह एक अद्भुत और सही है, तो जीवन में एक नई दृष्टि और शांति प्राप्त होती है। हम समझ पाते हैं कि जीवन में हर अनुभव का एक उद्देश्य है।
जीवन यात्रा में जब भी कोई समस्या या मुसीबत आती है, हम उस सर्वशक्तिमान को पुकारते हैं। जब सब कुछ सामान्य हो जाता है, तो उसका आभार व्यक्त करते हैं। ईश्वर ने मनुष्य को जो सम्मान दिया है, वह अद्वितीय है—हे ईश्वर! तू सबसे अलग और अनुपम है, तेरे जैसा दूसरा कोई नहीं।
इस सांसारिक लोक में जब हमने जन्म लिया है, तब उस सर्वशक्तिमान ने हमें बहुत कुछ दिया है। आभार व्यक्त करने से मन को शांति मिलती है और हम निश्चिंत हो जाते हैं। कई बार हम सोचते हैं कि जो हो रहा है, वह हमसे ही हो रहा है, और किसी शक्ति का इसमें क्या लेना-देना है। लेकिन यह हमारा भ्रम है, असल में यह सब उस सर्वशक्तिमान की कृपा है।
हमेशा यह याद रखें कि जीवन में जिस समय में हम होते हैं, वही सही समय होता है। अधर्म को छोड़कर जो भी कर्म हम करते हैं, वह हमें उस परम शक्ति द्वारा ही करवाया जाता है। इसलिए हमें हर कार्य को उत्साह, धैर्य, परिश्रम और आत्मविश्वास से करना चाहिए। जब हम हर कार्य को ईश्वर की इच्छा समझकर करते हैं, तो वह फल देने वाली शक्ति बन जाती है। फल की चिंता न करें। हर क्षण उस परम सत्ता के नजदीक रहें और उसके आभारी रहें। जब हम आस्थावान और कृतज्ञ होते हैं, तो जीवन के प्रत्येक क्षण में सकारात्मकता और खुशी का संचार होता है।
अंततः, हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने जीवन को संतुलित और आध्यात्मिक बनाना चाहिए, ताकि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में शांति पा सकें, बल्कि समाज और संसार में भी सकारात्मक परिवर्तन ला सकें।

