Som Pradosh Vrat 2025: सोम प्रदोष व्रत आज, जीवन में सुख-समृद्धि के लिए करें ये काम
Som Pradosh Vrat 2025: आज सोम प्रदोष व्रत है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे “सोम प्रदोष” कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से मानसिक...
Som Pradosh Vrat 2025: आज सोम प्रदोष व्रत है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे “सोम प्रदोष” कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से मानसिक शांति, वैवाहिक सुख, पारिवारिक समृद्धि और मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री का कहना है कि कहा जाता है कि प्रदोष काल में की गई शिव उपासना से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस बार प्रदोष व्रत शुभ योग और नक्षत्र में पड़ रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 3 नवंबर को सुबह 5 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 4 नवंबर को सुबह 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। अतः व्रत 3 नवंबर, सोमवार को ही रखा जाएगा। यह कार्तिक मास का अंतिम प्रदोष व्रत भी है, जिससे इसका फल और अधिक शुभ माना जाता है।
शास्त्री के अनुसार आज के दिन प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लें। संध्या समय पुनः स्नान कर पूजा स्थल को शुद्ध करें और भगवान शिव-पार्वती की प्रतिमा या शिवलिंग स्थापित करें। गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी और गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें। चंदन, बेला के फूल, भांग, धतूरा और शमी पत्र अर्पित करें। रुद्राक्ष माला से “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें, प्रदोष व्रत कथा सुनें और अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें। ऐसा करने से शिव कृपा बनी रहती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
Panchang 3 November 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 12
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास (चांद्र) कार्तिक मास, शुक्ल पक्ष
तिथि त्रयोदशी अर्धरात्रोत्तर 02:06 बजे तक, उपरांत चतुर्दशी आरंभ
वार सोमवार
सौर मास कार्तिक मास, प्रविष्टे 18
अंग्रेज़ी तिथि 03 नवम्बर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल
ऋतु हेमंत ऋतु
राहुकाल प्रातः 07:30 से 09:00 बजे तक
नक्षत्र उत्तराभाद्रपद — अपराह्न 03:06 बजे तक, उपरांत हस्त नक्षत्र
योग हर्षण योग — सायं 07:39 बजे तक, उपरांत वज्र योग
करण कौलव — अपराह्न 03:41 बजे तक, उपरांत तैतिल करण आरंभ
विजय मुहूर्त दोपहर 01:54 से 02:38 बजे तक
निशीथ काल रात 11:39 से 12:31 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 05:34 से 06:00 बजे तक
चंद्र स्थिति दिन–रात मीन राशि में संचार
विशेष सूचना शुभ कार्यों हेतु अनुकूल दिन
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

