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आज़ादी के लिए दासता

एकदा
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वर्ष 2004 में डॉ. कलाम ने केपटाउन के रॉबेन द्वीप का दौरा किया, जहां उनका दक्षिण अफ्रीकी अहमद कथराडा ने स्वागत किया। कथराडा ने डॉ. नेल्सन मंडेला के साथ कारावास में समय बिताया था। केपटाउन के खूबसूरत दृश्यों, जैसे टेबल माउंटेन और डेविल्स पीक को देखकर कलाम मंत्रमुग्ध हो गए। कथराडा ने कलाम को मंडेला की कोठरी दिखाई, जहां उन्होंने 26 वर्ष कारावास में बिताये। कलाम ने इस छोटी-सी कोठरी को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि मंडेला ने अपनी स्वतंत्रता के लिए अपार बलिदान दिया। कथराडा ने बताया कि मंडेला को खदानों में काम करने के लिए ले जाया जाता था, लेकिन उनके अदम्य साहस को यातनाएं तोड़ने में असफल रहीं। जो समय उनके पास बचता था, उस समय में उन्होंने इस कोठरी में अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘लॉन्ग वॉक टू फ्रीडम’ लिखी। कलाम ने कहा कि मंडेला का जीवन एक प्रेरणा है, यह दर्शाता है कि दृढ़ संकल्प से कोई भी व्यक्ति बड़ी बाधाओं को पार कर सकता है। कथराडा ने इस पर सहमति जताई और मंडेला के साहस को नमन किया।

प्रस्तुति : रेनू सैनी

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