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Sharadiya Navratri : नवरात्रि में बाल नहीं कटवाते, पाप लगता है... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?

क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की असली वजह क्या है? क्या यह केवल एक अंधविश्वास है या फिर इसके पीछे कोई गहरी सोच छिपी हुई है?

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Sharadiya Navratri, : नवरात्रि एक ऐसा ही पर्व है, जिसमें कई नियमों का पालन किया जाता है, जैसे सात्विक भोजन करना, ब्रह्मचर्य का पालन करना और शुद्धता बनाए रखना। इन्हीं में से एक परंपरा यह भी है कि नवरात्रि में बाल, नाखून या दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए। जब भी कोई व्यक्ति नवरात्रि में बाल कटवाने की बात करता है तो दादी-नानी अक्सर तुरंत टोक देती हैं और कहती हैं, "अरे बेटा, नवरात्रि में बाल नहीं कटवाते, पाप लगता है।"

मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे की असली वजह क्या है? क्या यह केवल एक अंधविश्वास है या फिर इसके पीछे कोई गहरी सोच छिपी हुई है? चलिए आज हम आपको बताते हैं...

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नवरात्रि में क्यों होती है बाल कटवाने की मनाही?

नवरात्रि का पर्व आत्मशुद्धि का समय होता है। इस दौरान उपासक न तो सजता-संवरता है और न ही किसी भौतिक आकर्षण की ओर जाता है। इस दौरान शरीर और मन दोनों की शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। मगर, बाल कटवाना, शेविंग या नाखून काटना शारीरिक सजावट से जुड़ा हुआ काम है, जिसे सांसारिक या भौतिक समझा जाता है। यही वजह है कि इस दौरान बाल कटवाने की मनाही होती है।

पुराने समय से चले आ रहे नियम

भारत में पीढ़ी दर पीढ़ी कुछ नियम और परंपराएं चली आ रही हैं, जिसमें से एक यह भी है कि नवरात्रि जैसे पवित्र समय में सजने-संवरने की बजाय संयम और सादगी से रहना चाहिए। इस दौरान बाल या नाखून को भी नहीं काटना चाहिए।

क्या कहता है विज्ञान?

नवरात्रि में बाल-नाखून ना कटवाने के पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। दरअसल, पुराने समय में नाई या हेयर सैलून जैसी आधुनिक सफाई की व्यवस्था नहीं थी। त्योहारों में सभी लोग पूजा में व्यस्त रहते थे और साफ-सफाई का स्तर गिर सकता था इसलिए नवरात्रि जैसे अवसरों पर बाल या नाखून कटवाने से रोका जाता था ताकि किसी तरह के संक्रमण से बचा जा सके।

क्या कहता है आयुर्वेद?

आयुर्वेद के अनुसार, मनुष्य शरीर की ऊर्जा बालों और नाखूनों से भी प्रभावित होती है। जब आप बाल या नाखून काटते हैं तो शरीर की सूक्ष्म ऊर्जा पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब आप किसी साधना या भक्ति के मार्ग पर हों।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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