Panchang 5 October 2025: कब है शरद पूर्णिमा 6 या 7 अक्टूबर को, यहां पढ़ें सही तिथि और पूजा विधि
Sharad Purnima 2025: आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। यह तिथि अपराह्न 03:04 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो जाएगा। चतुर्दशी तिथि कल यानी 6 अक्टूबर को दोपहर 12.22 बजे तक रहेगी, उपरांत...
Sharad Purnima 2025: आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। यह तिथि अपराह्न 03:04 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो जाएगा। चतुर्दशी तिथि कल यानी 6 अक्टूबर को दोपहर 12.22 बजे तक रहेगी, उपरांत पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ हो जाएगा।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर पड़ने वाली शरद पूर्णिमा सोमवार को मनाई जाएगी। यह तिथि दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 7 अक्टूबर सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशियों का आगमन होता है।
शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन भगवान शिव की पूजा भी अत्यंत फलदायी मानी गई है। इस दिन स्नान के बाद जल से शिवलिंग का अभिषेक करना और केसर अर्पित करना शुभ होता है। ऐसा करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि होती है और दुख दूर होते हैं। आर्थिक समृद्धि की कामना के लिए शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करना श्रेष्ठ माना गया है। इससे आर्थिक तंगी दूर होकर धनलाभ के योग बनते हैं।
शास्त्री के अनुसार जीवन में सुख-शांति बनाए रखने के लिए इस दिन बेलपत्र अर्पित करना और भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए। सभी कार्यों में सफलता पाने हेतु दूध, दही और शहद से अभिषेक करना तथा शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है।
शरद पूर्णिमा की रात का विशेष महत्व है। ऐसा विश्वास है कि इस रात चांद की रोशनी में दिव्य अमृत बरसता है। इसी कारण लोग इस दिन दूध और चावल से बनी खीर तैयार कर उसे चांदनी में रखते हैं। कहा जाता है कि यह खीर अमृततुल्य हो जाती है और इसे ग्रहण करने से शरीर में ऊर्जा, मन में शांति और घर में समृद्धि आती है।
Panchang 5 October 2025: राष्ट्रीय मिति आश्विन 13, शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास (चंद्र) आश्विन, शुक्ल पक्ष
तिथि त्रयोदशी (अपराह्न 03:04 तक), उपरांत चतुर्दशी
दिन रविवार
सौर मास आश्विन मास प्रविष्टे 20
सूर्य स्थिति रवि उस्सानी 12
हिजरी संवत 1447 (मुस्लिम)
अंग्रेजी तिथि 05 अक्टूबर 2025 ई॰
सूर्यायन दक्षिणायन
गोलार्ध दक्षिण गोल
ऋतु शरद ऋतु
नक्षत्र शतभिषा (प्रातः 08:05 तक), उपरांत पूर्वाभाद्रपद
योग गण्ड (सायं 04:34 तक), उपरांत वृद्धि योग
करण तैतिल (अपराह्न 03:04 तक), उपरांत वणिज करण
चंद्र राशि कुंभ (रात्रि 12:45 तक), उपरांत मीन
राहुकाल सायं 04:30 से 06:00 बजे तक
गुलिक काल दोपहर 03:30 से 04:30 बजे तक
यमगंड काल दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक
अमृत काल प्रातः 09:13 से 10:41 बजे तक
दुर्मुहूर्त काल सायं 04:28 से 05:15 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 02:07 से 02:54 बजे तक
निशिथ काल रात्रि 11:45 से 12:34 बजे तक
गोधूलि बेला सायं 06:02 से 06:27 बजे तक
पंचक काल पूरे दिन रहेगा
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।