Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Panchang 6 October 2025: शरद पूर्णिमा आज, मां लक्ष्मी को लगाएं खीर का भोग, इस मंत्र से करें मां को प्रसन्न

Sharad Purnima 2025: शरद पूर्णिमा पर स्नान, दान, और व्रत का विशेष महत्व

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Sharad Purnima 2025: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा या कोजागरी पूर्णिमा कहा जाता है। यह वह रात होती है जब चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है और अपनी शीतल किरणों से धरती को अमृत समान ऊर्जा प्रदान करता है। धार्मिक मान्यता है कि इस रात मां लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जो व्यक्ति जागरण, पूजा और ध्यान में लीन रहते हैं, उन्हें धन-धान्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक इस दिन स्नान, दान, और व्रत का विशेष महत्व है। भक्त पवित्र नदियों में स्नान कर सफेद वस्त्र धारण करते हैं और चावल, दूध, वस्त्र आदि का दान करते हैं। मां लक्ष्मी की पूजा के लिए घर में वेदी सजाकर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। खीर का भोग लगाकर “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद” मंत्र का 108 बार जाप किया जाता है। रात में चंद्रमा को दूध, जल, और फूलों से अर्घ्य देने की परंपरा है।

Advertisement

शरद पूर्णिमा की रात चंद्र किरणों में औषधीय गुण होते हैं, इसलिए इस रात खुले आकाश में रखी खीर अमृत समान मानी जाती है। सोमवार के दिन यह योग और भी शुभ होता है, क्योंकि सोमवार शिव का दिन है। अतः इस रात्रि में मां लक्ष्मी और भगवान शिव दोनों की उपासना करने से रोग, कष्ट और आर्थिक बाधाएं दूर होती हैं तथा जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि आती है।

Advertisement

Panchang 6 October 2025: राष्ट्रीय मिति आश्विन 14, शक संवत 1947

विक्रम संवत 2082

मास (चंद्र) आश्विन शुक्ल पक्ष

तिथि चतुर्दशी (मध्याह्न 12:24 तक), उपरांत पूर्णिमा तिथि आरंभ

वार सोमवार

सौर मास आश्विन मास, प्रविष्टे 21

अंग्रेजी तिथि 06 अक्टूबर 2025 ई॰

सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल

ऋतु शरद ऋतु

राहुकाल प्रातः 07:30 बजे से 09:00 बजे तक

नक्षत्र उत्तराभाद्रपद (अर्धरात्रोत्तर 04:02 तक), उपरांत रेवती

योग वृद्धि योग (01:13 तक), उपरांत ध्रुव योग

करण वणिज करण (12:24 तक), उपरांत बव करण

विजय मुहूर्त दोपहर 2:06 बजे से 2:53 बजे तक

निशीथ काल रात 11:45 बजे से 12:34 बजे तक

गोधूलि बेला शाम 6:01 बजे से 6:26 बजे तक

चन्द्र राशि मीन राशि

विशेष पर्व/व्रत शरद पूर्णिमा व्रत

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

Advertisement
×