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Saturday Tips : शनिवार के दिन क्यों चढ़ाया जाता है शनिदेव को तेल?

Saturday Tips : शनिवार के दिन क्यों चढ़ाया जाता है शनिदेव को तेल?
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चंडीगढ़, 29 मार्च (ट्रिन्यू)

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Saturday Tips : शनिदेव, जिन्हें कर्मफलदाता भी कहा जाता है, अपने न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देना होता है। वे हर व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब रखते हैं, और उन कर्मों के अनुसार उन्हें सुख-दुख, सफलता-असफलता आदि का अनुभव कराते हैं। शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए तेल चढ़ाने का विशेष महत्व है।

शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा हिन्दू धर्म में बहुत पुरानी है, खासकर शनिवार के दिन किया जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि शनिवार के दिन शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है...

तेल चढ़ाने से मिलती है शांति

हिंदू धर्म में एक पीतल या तांबे के पात्र में नारियल या तिल का तेल रखा जाता है। इस तेल को शनिदेव की मूर्ति या तस्वीर के पास रखा जाता है और फिर उसे धीरे-धीरे मूर्ति पर चढ़ाया जाता है। इस दौरान व्यक्ति को अपनी नजर और मानसिकता शुद्ध रखने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही, यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि तेल चढ़ाते समय व्यक्ति को अच्छे कर्मों और ईश्वर की भक्ति में संलग्न होना चाहिए।

शनि ग्रह होता है शांत

तेल चढ़ाना शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने का एक तरीका माना जाता है। शनि के दोषों के कारण जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, मानसिक तनाव या आर्थिक संकट। तेल चढ़ाने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है और ये प्रभाव कम हो सकते हैं।

कर्मफल का सामंजस्य

शनि ग्रह न्यायप्रिय है और वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है। तेल चढ़ाने से शनिदेव को प्रसन्न किया जाता है, जिससे उनके द्वारा दिए गए फल में संतुलन आ सकता है। अगर किसी व्यक्ति पर शनिदोष, शनि साढ़े साती या ढैय्या चल रही हो तो उन्हें शनिवार के दिन तेल चढ़ाने के लिए कहा जाता है, ताकि उसके प्रभाव कम हो सके।

तेल का प्रतीकात्मक महत्व

तेल चढ़ाना एक शारीरिक और मानसिक शुद्धि की प्रक्रिया भी है। तेल की नर्मी और चिकनाई शनिदेव के साथ एक आदान-प्रदान की तरह कार्य करती है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।

पापों का नाश

हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि तेल का भोग शनिदेव के प्रति पवित्रता और विनम्रता को दर्शाता है। तेल चढ़ाने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। तेल शनिदेव के प्रति श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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