Saphala Ekadashi: कब है सफला एकादशी आज या कल, यहां पढ़ें शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
Saphala Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली सफला एकादशी को जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के...
Saphala Ekadashi: हिंदू धर्म में एकादशी विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाने वाली सफला एकादशी को जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत से भगवान श्रीहरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है और रुके हुए कार्य पूरे होते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत करने से हजार अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलता है। यह व्रत पापों का नाश करता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है। करियर, नौकरी, व्यापार और पारिवारिक सुख के लिए इसे अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
सफला एकादशी 2025 की तिथि व मुहूर्त
सफला एकादशी व्रत: 15 दिसंबर 2025, सोमवार
एकादशी तिथि प्रारंभ: 14 दिसंबर 2025, शाम 06:51 बजे
एकादशी तिथि समाप्त: 15 दिसंबर 2025, रात 09:19 बजे
व्रत पारण: 16 दिसंबर 2025, सुबह 07:07 से 09:11 बजे तक
सफला एकादशी पूजा विधि
एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें। घर के मंदिर में भगवान विष्णु या अच्युत स्वरूप की पूजा करें। उन्हें पीले फूल, तुलसी दल, फल, धूप-दीप और पंचामृत अर्पित करें। “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें। शाम को दीपक जलाकर विष्णु सहस्त्रनाम या एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं
व्रत के दौरान फल, दूध, दही, कुट्टू या सिंघाड़े का आटा, साबूदाना और मूंगफली का सेवन किया जा सकता है। अनाज, चावल और तामसिक भोजन न करें।
Panchang 14 December 2025:
राष्ट्रीय मिति मार्गशीर्ष 23
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास पौष
पक्ष कृष्ण पक्ष
तिथि दशमी (सायं 06:50 बजे तक), इसके बाद एकादशी
सौर मास मार्गशीर्ष
सौर तिथि मास प्रविष्टे 29
अंग्रेजी तिथि 14 दिसम्बर 2025, रविवार
सूर्य स्थिति दक्षिणायन
गोल दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
चंद्र राशि कन्या (दिन-रात)
राहुकाल सायं 04:30 बजे से 06:00 बजे तक
विजय मुहूर्त दोपहर 01:59 बजे से 02:41 बजे तक
निशिथ काल रात्रि 11:49 बजे से 12:44 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 05:23 बजे से 05:51 बजे तक
नक्षत्र हस्त (प्रातः 08:18 बजे तक), तत्पश्चात चित्रा
योग सौभाग्य (पूर्वाह्न 11:45 बजे तक), तत्पश्चात शोभन
करण विष्टि (सायं 06:50 बजे तक), तत्पश्चात बव
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

