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Panchang 11 March 2025: बजरंग बाण का पाठ करने से मिलता है विशेष फल, यहां पढ़े पूरा पाठ

Bajrang Baan: हनुमान जी की उपासना से शनि दोष दूर होते हैं
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चंडीगढ़, 11 मार्च (ट्रिन्यू)

Bajrang Baan: मंगलवार का दिन हनुमान जी की उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की आराधना करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहती है। पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक शनि की साढ़े साती और ढैय्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए यह दिन अत्यंत लाभकारी माना गया है, क्योंकि हनुमान जी की उपासना से शनि दोष दूर होते हैं।

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मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। यह पाठ भय, रोग, शत्रु बाधा और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करता है। बजरंग बाण के प्रभाव से व्यक्ति के मन में आत्मविश्वास बढ़ता है और कार्यों में सफलता मिलती है। इस दिन लाल वस्त्र धारण कर, चमेली के तेल का दीप जलाकर, गुड़-चने का भोग लगाकर हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और हर संकट दूर होते हैं।

बजरंग बाण का पाठ

दोहा

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।

तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥

चौपाई :

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥

जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥

आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥

जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥

जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥

जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥

सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥

जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥

चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥

अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥

पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥

धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥

दोहा :

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।

बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

Panchang 11 March 2025: राष्ट्रीय मिति फाल्गुन 20, शक संवत 1946

विक्रम संवत् 2081

अंग्रेजी तारीख 11 मार्च 2025

सौर मास फाल्गुन (प्रविष्टे 28)

सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल

ऋतु बसन्त

राहुकाल अपराह्न 03:00 से 04:30

तिथि द्वादशी 08:15 तक उपरांतत्रयोदशी प्रारंभ

नक्षत्र आश्लेषा 02:16 तक उपरांत मघा प्रारंभ

योग अतिगण्ड 01:18 तक उपरांत सुकर्मा प्रारंभ

विजय मुहूर्त 14:30 से 15:17 बजे तक

निशीथ काल मध्यरात्रि 12:06 से 12:55

गोधूलि बेला 18:25 से 18:49

रवि योग 02:15 से 12 मार्च को 06:34 तक

करण बालव 08:15 तक उपरांत तैतिल प्रारंभ

चन्द्रमा राशि कर्क 02:16 तक उपरांत सिंह में संचार

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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