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Panchang 4 May 2025: आज बन रहा रवि पुष्य योग, सुख और समृद्धि के लिए करें ये काम

चंडीगढ़, 4 मई (ट्रिन्यू) Ravi Pushya Yoga: हिंदू पंचांग के अनुसार एक अत्यंत शुभ योग का संयोग बन रहा है – रवि-पुष्य योग। जब किसी रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग होता है, तब यह योग बनता है। पंडित अनिल...
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चंडीगढ़, 4 मई (ट्रिन्यू)

Ravi Pushya Yoga: हिंदू पंचांग के अनुसार एक अत्यंत शुभ योग का संयोग बन रहा है – रवि-पुष्य योग। जब किसी रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग होता है, तब यह योग बनता है। पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक यह योग न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों, खरीदारी और द्रव्य निवेश के लिए भी बेहद शुभ माना जाता है।

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आज सुबह 12 बजकर 54 मिनट तक पुष्य नक्षत्र रहेगा और चंद्रमा कर्क राशि में संचार करेगा। रविवार को आने वाला पुष्य नक्षत्र सूर्य और गुरु से संबंधित दोषों को शांति प्रदान करता है। गाय माता को गुड़ खिलाना और मंदिर में दीपक जलाना इस योग में विशेष पुण्यफलदायी बताया गया है। ज्योतिषाचार्य अनिल शास्त्री मानते हैं कि इस दिन किए गए शुभ कार्य लंबे समय तक सुख और समृद्धि प्रदान करते हैं।

संपत्ति, सोना, वाहन, भूमि आदि की खरीदारी के लिए यह दिन उत्तम है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में स्थायी धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

धार्मिक उपाय: मोती शंख से दूर करें आर्थिक तंगी

शास्त्री के अनुसार रवि-पुष्य योग के दिन मोती शंख को घर में स्थापित करना और प्रतिदिन 'श्री महालक्ष्म्यै नम:' मंत्र का 11 बार जप करना अत्यंत लाभकारी होता है। मंत्र जप के साथ शंख में एक-एक चावल का दाना डालने की परंपरा है। यह प्रक्रिया लगातार 40 दिनों तक की जाए तो आर्थिक संकटों का निवारण होता है और जीवन में स्थिरता आती है। मान्यता के अनुसार, रवि-पुष्य योग में किया गया कोई भी सकारात्मक निर्णय दीर्घकालिक फल देता है।

Panchang 4 May 2025: तारीख (अंग्रेजी) 04 मई 2025 (रविवार)

राष्ट्रीय मिति वैशाख 14, शक संवत 1947

विक्रम संवत 2082

चंद्र मास वैशाख, शुक्ल पक्ष, सप्तमी

ऋतु ग्रीष्म ऋतु

सूर्य स्थिति उत्तरायण, उत्तर गोल

सौर मास प्रवेश वैशाख मास, प्रविष्टे 22

राहुकाल सायं 04:30 बजे से 06:00 बजे तक

तिथि परिवर्तन सप्तमी तिथि प्रातः 07:20 तक, उपरांत अष्टमी तिथि

नक्षत्र पुष्य नक्षत्र दोपहर 12:54 तक, फिर आश्लेषा आरंभ

योग गण्ड योग रात 12:42 तक, फिर वृद्धि योग आरंभ

करण वणिज करण प्रातः 07:20 तक, फिर बव करण आरंभ

विजय मुहूर्त दोपहर 02:31 से 03:25 तक

निशीथ काल रात 11:56 से 12:39 तक

गोधूलि बेला शाम 06:57 से 07:18 तक

चंद्रमा की स्थिति कर्क राशि में दिन-रात संचार

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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