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Panchang 17 October 2025: रमा एकादशी आज, जानें किसकी उपासना से आएगी घर में सुख समृद्धि

Rama Ekadashi: मान्यता है कि रमा एकादशी व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है

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रमा एकादशी (Rama Ekadashi) आज। सांकेतिक फोटो
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Rama Ekadashi: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली रमा एकादशी (Rama Ekadashi) आज है। यह एकादशी दीपावली से ठीक चार दिन पहले आती है और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जाती है। माता लक्ष्मी का एक नाम ‘रमा’ होने के कारण इस दिन भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मीजी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि रमा एकादशी (Rama Ekadashi) का व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है और भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक रमा एकादशी (Rama Ekadashi) पर प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान कर, स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। आज के दिन दिन पंचामृत से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अभिषेक करना चाहिए। पूजा के दौरान चंदन, पीले फूल, फल, मिठाई और तुलसी पत्ते अर्पित करना शुभ माना जाता है। दिनभर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” तथा “हरे कृष्ण” महामंत्र का जाप और विष्णु सहस्रनाम या श्री सूक्त का पाठ करने से व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

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आज रमा एकादशी (Rama Ekadashi) की कथा सुनना, भजन-कीर्तन करना और रात्रि में जागरण करना शुभ माना गया है। श्रद्धालु गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन का दान भी करते हैं। मान्यता है कि इस व्रत के पालन से व्यक्ति को हजार अश्वमेध यज्ञों के समान फल मिलता है।

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व्रत के दौरान अनाज, दाल, प्याज, लहसुन और मांसाहार का सेवन वर्जित है। तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए और दिन में सोना अशुभ माना जाता है। पारण द्वादशी तिथि में शुभ मुहूर्त पर ही करना चाहिए। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, रमा एकादशी (Rama Ekadashi) का व्रत भक्त को विष्णु-लक्ष्मी की कृपा प्रदान करता है और जीवन में सुख, समृद्धि तथा आध्यात्मिक शांति लाता है।

Panchang 17 October 2025: राष्ट्रीय मिति आश्विन 25

शक संवत् 1947

विक्रम संवत् 2082

मास कार्तिक (कृष्ण पक्ष)

तिथि एकादशी (पूर्वाह्न 11:12 बजे तक), उपरांत द्वादशी

वार शुक्रवार

सौर मास प्रविष्टि कार्तिक मास प्रविष्टे 01

अंग्रेज़ी तारीख 17 अक्टूबर 2025 ई.

ऋतु शरद ऋतु

अयन दक्षिणायन

गोल दक्षिण गोल

नक्षत्र मघा (म. 01:57 बजे तक), उपरांत पूर्वा फाल्गुनी

योग शुक्ल (रात्रि 01:49 बजे तक), उपरांत ब्रह्म

करण बालव (पूर्वाह्न 11:12 बजे तक), उपरांत तैतिल

राहूकाल प्रातः 10:30 बजे से 12:00 बजे तक

विजय मुहूर्त दोपहर 2:01 बजे से 2:46 बजे तक

निशीथ काल रात 11:41 बजे से 12:32 बजे तक

गोधूलि बेला शाम 5:49 बजे से 6:14 बजे तक

चंद्र राशि सिंह

विशेष तिथि रमा एकादशी

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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