Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Ram Darbar consecration : खत्म हुआ इंतजार... अयोध्या में 5 जून को होगा राम दरबार का प्राण प्रतिष्ठा समारोह

राम दरबार की मूर्तियों को जयपुर के कारीगरों ने राजस्थान की खदानों में पाए जाने वाले मकराना संगमरमर से तैयार
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

नई दिल्ली, 21 मई (भाषा)

Advertisement

श्री राम जन्मभूमि निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा का कहना है कि अयोध्या में प्रतिष्ठित राम मंदिर का निर्माण 5 जून तक पूरा हो जाएगा। 3 जून से शुरू होने वाले समारोह में ‘राम दरबार' की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

मिश्रा ने कहा कि ‘प्राण प्रतिष्ठा' समारोह पांच जून को होगा। इसके बेहद भव्य होने की उम्मीद है, लेकिन इस बार अतिथियों की सूची भिन्न हो सकती है। पिछले वर्ष 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में एक समारोह में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। राम दरबार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा 5 जून को होगी... अनुष्ठान 3 जून से शुरू हो जाएंगे। इसके अलावा परिसर में सात अन्य मंदिर भी बनाए गए हैं और उन मंदिरों के लिए भी धार्मिक अनुष्ठान उसी दिन किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि मंदिर का निर्माण कार्य 5 जून तक पूरा हो जाएगा, सिवाय भगवान राम की कहानी को दर्शाने वाले भित्ति चित्रों के, जिन्हें मंदिर के निचले हिस्से में लगाया जाना है। 7 मंदिरों में ऋषि वशिष्ठ, वाल्मीकि, अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज के मंदिर शामिल हैं। मंदिर में नई संरचनाओं के बारे में पूछे जाने पर मिश्रा ने बताया कि मंदिर का निर्माण तीन चरणों में किया गया है। पहला चरण वह था जब भूतल का काम पूरा होना था और रामलला का विग्रह स्थापित किया जाना था। इसलिए यह 2024 के शुरू में किया गया और प्राण प्रतिष्ठा भी की गई। इसके बाद, शेष कार्य- मंदिर की दूसरी मंजिल का निर्माण, जो अब कमोबेश पूरा हो चुका है, और राम दरबार जिसमें भगवान राम, सीता, भगवान राम के भाई और श्री हनुमान शामिल हैं।

अब गर्भगृह में जाएंगे जो पहली मंजिल पर बनाया गया है। राम दरबार की मूर्तियों को जयपुर के कारीगरों ने राजस्थान की खदानों में पाए जाने वाले मकराना संगमरमर से तैयार किया है। जब मिश्रा से यह पूछा गया कि क्या पांच जून का प्राण प्रतिष्ठा समारोह पिछले साल की तरह भव्य होगा, उन्होंने कहा कि मंदिर ट्रस्ट अंतिम रूपरेखा तय कर रहा है। ... प्राण प्रतिष्ठा समारोह हमेशा भव्य होते हैं। क्योंकि आप स्पष्ट रूप से आह्वान कर रहे हैं और भगवान की ‘प्रतिष्ठा' की जा रही है। शायद अतिथियों की सूची अलग होगी। हो सकता है कि पूजा कराने वाले पुजारी अलग हों। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि यह उसी के समान है।

मैं कहूंगा कि इसका उद्देश्य वही है और यह उसे हासिल करेगा। वे उन आध्यात्मिक लोगों की सूची का चयन कर रहे हैं, जिन्होंने एक निश्चित स्तर प्राप्त कर लिया है और जो मान्यता प्राप्त आध्यात्मिक संत और साधु हैं। उन्हें समारोह में आमंत्रित किया जाएगा। अतिथि सूची में राज्य या केंद्र के विशिष्ट लोग शामिल नहीं होंगे। मुझे लगता है कि ट्रस्ट का मानना है कि भगवान राम की बाल रूप में प्राण प्रतिष्ठा की जा चुकी है और यह इस देश के शीर्ष व्यक्ति प्रधानमंत्री की उपस्थिति में की गई थी, इसलिए ऐसा करने के बाद उसका विचार है कि शायद उस प्रकृति का दूसरा समारोह करने की आवश्यकता नहीं है।

Advertisement
×