Tribune
PT
About Us Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Pauranik Kathayen : श्रीकृष्ण को दुर्योधन ने मरते समय क्यों दिखाई थी 3 उंगलियां? आप भी नहीं जानते होंगे ये रहस्य

Pauranik Kathayen : श्रीकृष्ण को दुर्योधन ने मरते समय क्यों दिखाई थी 3 उंगलियां? आप भी नहीं जानते होंगे ये रहस्य
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 5 जनवरी (ट्रिन्यू)

Advertisement

Pauranik Kathayen : महाभारत युद्ध समाप्त होने के बात जब दुर्योधन अपनी मृत्युशैया पर था तब उसका जीवन उसके सामने घूम आया। दुर्योधन ने जो कर्म किए, जो पाप और गलतियां कीं, उससे उसने अपने विनाश को आमंत्रित किया था। कहा जाता है कि मरते समय उसने अपनी तीन उंगलियां उठाईं थी। दरअसल, मरते समय भी दुर्योधन अपनी हार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं था और उसे लग रहा था कि अगर वह तीन गलतियां ना करता तो वह यह युद्ध जीत जाता।

महाभारत के मुताबिक, दुर्योधन ने पहली गलती ये की थी कि उसने श्रीकृष्ण की जगह नारायणी सेना को चुना। दुर्योधन ने मरते समय श्री कृष्ण को बोला था कि अगर वह नारायणी सेनी की बाजाए श्रीकृष्ण को चुनते तो वह यह युद्ध जीत जाते और कौरवों को सारा राजपाट बच जाता।

दूसरी गलती यह है कि आपने कर्ण के मरने तक अश्वत्थामा को सेनापति नहीं बनाया। अगर अश्वत्थामा को सेनापति बना दिया जाता तो युद्ध के मैदान का पूरी तरह से विनाश हो जाता। अगर आपने ऐसा किया होता तो मैं धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाता। अश्वत्थामा का क्रोध भगवान शिव के क्रोध के बराबर है और मैं उसका मुकाबला करने के लिए युद्ध करता।

तीसरी गलती यह है कि जब दुर्योधन को उसकी मां गांधारी ने निर्वस्त्र बुलाया था तो वह कमर पर पत्ते लटकाकर चला गया। जब गांधारी ने आंखों की पट्टी खोली थी तो उसके तेज से दुर्योधन का पूरा शरीर वज्र के समान हो गया, सिर्फ उस स्थान को छोड़कर जहां उसने पत्ते बांधे थे। युद्ध के दौरान भीम ने दुर्योंधन के उसी स्थान पर गधा मारकर उसका वध किया था। अगर वह ऐसा नहीं करता तो वह यह युद्ध जीत जाता और उसे कोई मार नहीं पाता।

श्रीकृष्ण ने उसे समझाते हुए कहा था कि वह इन तीन गलतियों के कारण युद्ध नहीं हारा। वह युद्ध सिर्फ इसलिए हारा क्योंकि वो व्यवहार से अधर्मी था। हालांकि दुर्योधन आखिरी समय तक अपने कर्तव्यों पर अड़े रहे और युद्ध को तब भी नहीं छोड़ा, जब तक वो सब कुछ हार नहीं गया।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
×