Panchang 28 August 2025: ऋषि पंचमी आज, प्रायश्चित और आत्मशुद्धि के लिए खास है यह दिन
Rishi Panchami: भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की पंचमी को ऋषि पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सप्तऋषि – गौतम, भारद्वाज, विश्वामित्र, जमदग्नि, वशिष्ठ, कश्यप और अत्रि के साथ देवी अरुंधती की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि यह व्रत महिलाओं को मासिक धर्म के समय अनजाने में हुई भूलों और दोषों से मुक्ति दिलाता है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक ऋषि पंचमी पर महिलाएं प्रातः स्नान-ध्यान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करती हैं। घर के ईशान कोण में सात चावल या सात कुश रखकर सप्तऋषियों का आह्वान किया जाता है। गंगाजल से उनका स्नान कराया जाता है और चंदन, रोली, धूप-दीप से पूजन किया जाता है। मौसम के फल और मिष्ठान अर्पित कर पूजा पूर्ण की जाती है। इस दिन बहनें यदि रक्षा बंधन पर राखी न बांध सकी हों तो भाई को रक्षासूत्र बांध सकती हैं।
व्रत के नियम भी विशेष हैं। इस दिन अन्न और नमक का त्याग कर महिलाएं केवल दही और समा के चावल का सेवन करती हैं। हल से जोते हुए अनाज का उपयोग वर्जित है। पूजा के उपरांत अर्पित फल-मिष्ठान मंदिर में दान कर आशीर्वाद लिया जाता है। यह व्रत श्रद्धा और भक्ति के साथ करने से सुख-समृद्धि, आरोग्य और पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।
Panchang 28 August 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 06
शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
पक्ष व तिथि शुक्ल पक्ष, पंचमी (सायं 05:57 बजे तक), उपरांत षष्ठी
वार बृहस्पतिवार
सौर मास भाद्रपद (प्रविष्टे 13)
अंग्रेजी तिथि 28 अगस्त 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, उत्तर गोल, शरद ऋतु
राहुकाल अपराह्न 01:30 बजे – 03:00 बजे
नक्षत्र चित्रा (प्रातः 08:44 बजे तक), उपरांत स्वाति
योग शुक्ल योग (अपराह्न 01:18 बजे तक), उपरांत ब्रह्म योग
करण बालव (सायं 05:57 बजे तक), उपरांत कौलव
विजय मुहूर्त दोपहर 02:30 बजे – 03:22 बजे
निशीथ काल मध्य रात्रि 12:00 बजे – 12:45 बजे
गोधूलि बेला शाम 06:47 बजे – 07:09 बजे
चंद्र राशि तुला (पूरे दिन-रात)
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।