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Panchang 15 january 2025: जानें कब-कब हैं अमृत स्नान की तिथियां, क्या है इसका महत्व और इतिहास

Panchang 15 january 2025: दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को होगा
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प्रयागराज: नागा साधुओं ने मंगलवार को प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान 'मकर संक्रांति' के अवसर पर त्रिवेणी संगम पर 'अमृत स्नान' किया। एएनआई फोटो
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चंडीगढ़, 15 जनवरी (ट्रिन्यू)

Panchang 15 january 2025: महाकुंभ 2025 में मकर संक्रांति के दिन पहला अमृत स्नान विधिपूर्वक संपन्न हुआ। अब महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन, 29 जनवरी को होगा।

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धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या का स्नान सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण शाही स्नान माना जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से आत्मा शुद्ध होती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5:25 से 6:18 तक रहेगा।

महाकुंभ के अमृत स्नान ग्रहों की विशेष स्थिति पर आधारित होते हैं। माना जाता है कि इस पवित्र स्नान से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या पर प्रयागराज और अन्य तीर्थ स्थलों पर स्नान और दान का महत्व विशेष रूप से बढ़ जाता है।

महाकुंभ की उत्पत्ति समुद्र मंथन की कथा से जुड़ी है, जब अमृत के लिए देवताओं और असुरों के बीच संघर्ष हुआ। इस दौरान अमृत की बूंदें चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरीं। इन्हीं जगहों पर कुंभ और महाकुंभ मेले का आयोजन होता है।

महाकुंभ 2025 की अन्य महत्वपूर्ण तिथियां हैं: बसंत पंचमी (3 फरवरी), माघ पूर्णिमा (12 फरवरी), और महाशिवरात्रि (26 फरवरी)। इन स्नानों में भाग लेने से जीवन में पवित्रता और पुण्य का संचार होता है।

Panchang 15 january 2025 विवरण

राष्ट्रीय मिति पौष 25, शक संवत 1946, माघ कृष्ण, द्वितीय, बुधवार

विक्रम संवत 2081

सौर माघ मास प्रविष्टे 02

अंग्रेजी तारीख 15 जनवरी 2025

सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल

ऋतु शिशिर ऋतु

राहुकाल मध्याह्न 12:00 बजे से 01:30 बजे तक

तिथि द्वितीया (अर्धरात्रोत्तर 03:24 तक), उपरांत तृतीया

नक्षत्र पुष्य (पूर्वाह्न 10:28 तक), उपरांत आश्लेषा

योग प्रीति (अर्धरात्रोत्तर 01:47 तक), उपरांत आयुष्मान

विजय मुहूर्त दोपहर 02:23 से 03:05 तक

निशिथ काल रात 12:10 से 01:03 तक

गोधूलि बेला शाम 05:53 से 06:20 तक

करण तैतिल (अपराह्न 03:23 तक), उपरांत वणिज

चंद्रमा की स्थिति दिनरात कर्क राशि पर संचार

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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