Panchang 10 September 2025: आज तृतीया का श्राद्ध, जानें क्या है श्राद्ध का अर्थ और क्यों करना चाहिए तर्पण
Shraadh 2025: आज तृतीया का श्राद्ध है। श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए विधिपूर्वक श्रद्धा, तर्पण और दान किया जाता है, जिसे श्राद्ध कर्म कहा जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार “श्राद्ध” शब्द श्रद्धा से उत्पन्न है, जिसका अर्थ है सच्चे मन, विश्वास और प्रेम से किया गया कर्म। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य केवल अपने शरीर से ही नहीं, बल्कि पितरों के पुण्य और संस्कारों से भी बंधा होता है। श्राद्ध के माध्यम से जातक पितृऋण का आंशिक निर्वहन करते हैं।
श्राद्ध तिथि पर विधिपूर्वक तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति, तृप्ति और दिव्य लोक की प्राप्ति होती है। तर्पण से प्रसन्न होकर पितर संतति को आशीर्वाद देते हैं और घर-परिवार में सुख-समृद्धि लाते हैं।
Panchang 10 September 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 19, शक संवत 1947
विक्रम संवत 2082
मास आश्विन, कृष्ण पक्ष
तिथि तृतीया (अपराह्न 03:38 बजे तक), उपरांत चतुर्थी
वार बुधवार
सौर मास भाद्रपद प्रविष्टे 26
अंग्रेजी तारीख 10 सितम्बर 2025 ई॰
सूर्य स्थिति दक्षिणायन
गोल उत्तर गोल
ऋतु शरद ऋतु
राहुकाल 12:00 बजे दोपहर – 01:30 बजे दोपहर
नक्षत्र रेवती (सायं 04:03 बजे तक), उपरांत अश्विनी
योग वृद्धि (रात्रि 08:31 बजे तक), उपरांत ध्रुव
करण विष्टि (अपराह्न 03:38 बजे तक), उपरांत बालव
विजय मुहूर्त 02:23 बजे – 03:12 बजे दोपहर
निशीथ काल 11:55 रात – 12:41 रात
गोधूलि बेला 06:32 शाम – 06:55 शाम
चन्द्रमा राशि मीन राशि
विशेष तृतीया का श्राद्ध
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।