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Panchang 10 November 2025: आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि, शिव पूजा से मिलेगा लाभ

Panchang 10 November 2025: आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है और सोमवार का दिन है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिवपूजा व व्रत का विशेष महत्व है। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार...

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Panchang 10 November 2025: आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है और सोमवार का दिन है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन शिवपूजा व व्रत का विशेष महत्व है।

पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार सोमवार के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें और शिवलिंग की पूजा करें। पूजा में पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल) से अभिषेक करें तथा बेलपत्र, सफेद फूल, भांग, धतूरा और चंदन चढ़ाएं।

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‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें और भगवान शिव से अपने मनोवांछित फल की कामना करें। पूजा के पश्चात सोमवार व्रत कथा का पाठ या श्रवण करें और संध्या समय दोबारा आरती करें। व्रत के दौरान तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन आदि से परहेज करें और केवल एक बार सात्विक भोजन या फलाहार करें। भोजन में सेंधा नमक का प्रयोग किया जा सकता है।

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सोलह सोमवार व्रत, जो विशेष रूप से विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करने, सुखी दांपत्य जीवन और संतान प्राप्ति की कामना से रखा जाता है। व्रत समाप्ति पर अगले दिन प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें और भगवान शिव से क्षमा याचना करें। इस व्रत से भक्त को शिव कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता और सफलता बढ़ती है।

Panchang 10 November 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 19, शक संवत 1947

विक्रम संवत 2082

मास एवं पक्ष मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष

वार सोमवार

सौर मास कार्तिक मास, प्रविष्टे 25

अंग्रेजी तिथि 10 नवम्बर 2025 ई.

सूर्य स्थिति दक्षिणायन, दक्षिण गोल

ऋतु हेमन्त ऋतु

राहुकाल प्रातः 07:30 बजे से 09:00 बजे तक

तिथि षष्ठी तिथि अर्धरात्रोत्तर 12:08 बजे तक, उपरांत सप्तमी तिथि प्रारंभ

नक्षत्र पुनर्वसु सायं 06:48 बजे तक, उपरांत पुष्य नक्षत्र प्रारंभ

योग साध्य योग दोपहर 12:05 बजे तक, उपरांत शूल योग प्रारंभ

करण गर करण दोपहर 12:56 बजे तक, उपरांत विष्टि करण प्रारंभ

विजय मुहूर्त दोपहर 1:53 बजे से 2:37 बजे तक

निशिथ काल रात्रि 11:39 बजे से 12:32 बजे तक

गोधूलि बेला शाम 5:30 बजे से 5:56 बजे तक

चन्द्र स्थिति चन्द्रमा मिथुन में दोपहर 1:03 बजे तक, उपरांत कर्क राशि में प्रवेश

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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