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Navratri 2025: शांति, सौभाग्य और आशीर्वाद के लिए करें नवरात्रि में कन्या पूजन

Navratri 2025: आज प्रातः 09:33 तक चतुर्थी तिथि है। यानी आज भी चौथा नवरात्र मनाया जाएगा और मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी। पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक नवरात्र में कन्या पूजन का अत्यंत...

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Navratri 2025: आज प्रातः 09:33 तक चतुर्थी तिथि है। यानी आज भी चौथा नवरात्र मनाया जाएगा और मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी।

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक नवरात्र में कन्या पूजन का अत्यंत महत्व है। इसे मुख्य रूप से अष्टमी और नवमी तिथि पर संपन्न किया जाता है। इस दिन भक्त छोटी कन्याओं का पूजन कर उन्हें देवी दुर्गा का स्वरूप मानकर सम्मान प्रदान करते हैं। मान्यता है कि प्रत्येक कन्या में माता दुर्गा की दिव्य शक्ति विद्यमान रहती है, इसलिए उनके पूजन से घर और जीवन में शांति, सौभाग्य और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

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कन्या पूजन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अनुष्ठान भक्ति, करुणा और सेवा भाव को बढ़ावा देता है तथा समाज में सम्मान और सद्भाव का संचार करता है। कन्याओं का पूजन जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, ज्ञान और समृद्धि का आगमन कराता है।

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अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन का विशेष महत्व माना जाता है। यह दिन मां दुर्गा के बलिदान और शक्ति की स्मृति का प्रतीक है। वहीं नवमी तिथि को शक्ति साधना के अंतिम चरण के रूप में देखा जाता है, जब कन्याओं का पूजन कर देवी से आशीर्वाद लिया जाता है। इस प्रकार कन्या पूजन केवल धार्मिक परंपरा ही नहीं, बल्कि सद्गुण, नैतिकता और विवेक के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी प्रदान करता है।

Panchang 26 September 2025: राष्ट्रीय मिति आश्विन 04

शक संवत् 1947

विक्रम संवत् 2082

मास आश्विन (शुक्ल पक्ष)

वार शुक्रवार

सौर मास प्रविष्टि आश्विन मास, दिनांक 11

अंग्रेजी तिथि 26 सितम्बर 2025 ई॰

सूर्य स्थिति दक्षिणायण, दक्षिण गोल, शरद ऋतु

राहुकाल प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक

तिथि पंचमी, प्रातः 09:33 बजे से शेष दिन

नक्षत्र विशाखा (रात्रि 10:09 बजे तक), उपरांत आश्लेषा

योग विष्कुंभ (रात्रि 10:50 बजे तक), उपरांत प्रीति योग

करण विष्टि करण (प्रातः 09:33 बजे तक), उपरांत बालव करण

विजय मुहूर्त दोपहर 02:12 से 03:00 बजे तक

निशीथ काल रात 11:48 से 12:36 बजे तक

गोधूलि बेला शाम 06:13 से 06:37 बजे तक

चन्द्रमा संचार तुला राशि (03:24 बजे तक), उपरांत वृश्चिक राशि

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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