मदन गुप्ता सपाटू
घर, शिक्षा, वाहन, कारोबार… किसी न किसी जरूरत के लिए कर्ज लेना पड़ जाता है। ज्योितष के अनुसार यदि अच्छे मुहूर्त में ऋण लिया जाए तो उसकी अदायगी भी सुविधाजनक रहती है। किसी भी प्रकार का ऋण लेना हो तो सर्वप्रथम ध्यान रखें कि मंगलवार के दिन न तो आवेदन करें न ही ऋण प्राप्त करें और न ही कोई लोन एग्रीमेंट साइन करें। इस दिन लिया गया कर्ज चुकाने में मुश्किलें आती हैं। कई बार इसका परिणाम मुकदमेबाजी तक हो जाता है। इसी प्रकार वृद्धि नामक योग हो अथवा संक्रांति हो तो भी लोन नहीं लेना चाहिए। ऐसे समय लिया गया कर्ज महंगाई की तरह बढ़ता चला जाता है। रविवार को अमृतसिद्ध योग बनता हो तो भी ऋण चुकाने में परेशानी होती है। हस्त नक्षत्र चल रहा हो तो भी लौटाने में दिक्कत आती है। द्विपुष्कर, त्रिपुष्कर योगों में भी लोन लेने से बचना चाहिये।
स्वाति, पुनर्वसु, श्रवण, धनिष्ठा, शत्भिषा, मृगशिरा, रेवती, चित्रा, अनुराधा, अश्विनी, पुष्य एवं विशाखा… इन नक्षत्रों के समय लिया गया ऋण फलदायक रहता है और उसका भुगतान शीघ्र हो जाता है। इसके अतिरिक्त चर लग्न अर्थात मेष, कर्क, तुला व मकर में ऋण लेना लाभकारी रहता है। इस अवधि में बीमा पॉलिसी लेना भी अच्छा रहता है।
जिन नक्षत्रों में ऋण लेना खराब है, उनमें लौटाना अधिक अच्छा रहता है। बैंक, डाकखाने या किसी वित्तीय संस्था में फिक्स्ड डिपॉजिट करवाना हो या नया खाता खोलना हो तो बुधवार एवं वीरवार का दिन चुनें। ऋण लौटाने के लिए बुधवार शुभ दिन है।
यदि जन्मपत्री में गुरु लग्न, सप्तम या दशम भाव में हो तो किसी को उधार नहीं देना चाहिए।
कौन कर्ज न उठाए : जिनकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी लग्न में विराजमान हो या किसी शुभ स्थान पर बैठा हो, उसका कर्ज बढ़ता जाता है। एक ऋण चुकाने के लिए, दूसरा लेना पड़ता है। व्यक्ति सारी उम्र कर्ज के बोझ तले दबा रहता है।
कुंडली में शनि या राहु की स्थिति अच्छी न हो या साढ़ेसाती चल रही हो तो लोन नहीं लेना चाहिये। कालसर्प योग हो तो भी लोन लेने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसे योग ऋण और शत्रु दोनों ही बढ़ा देते हैं।
ऋण मुक्ति कैसे हो : तेते पांव पसारिये जेती लंबी सौर…। कर्ज लेते वक्त अपनी जरूरत और लौटाने की क्षमता को ध्यान में रखना जरूरी है। जिस उद्देश्य से कर्ज ले रहे हैं, उसी पर उसका इस्तेमाल करें। लोन लेने के बाद उसे किस्तों या एकमुश्त लौटाने की योजना पहले बना कर रखें। कर्ज मुक्ति के लिए कुछ ज्योतिषीय उपाय भी मददगार हो सकते हैं…
- श्री कनकधारा स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, ऋणमोचक मंगल स्तोत्र, श्री सूक्त पाठ, गजेन्द्र मोक्ष, कुबेर मंत्र का पाठ करें।
- शिवलिंग पर महीने के एक मंगलवार एक मुट्ठी लाल मसूर की दाल चढ़ाएं और ऋण मुक्ति की प्रार्थना करें।
- बुधवार को गाय को हरी घास खिलाएं। रविवार को गुड़ खिलायें।
- पीपल पर जल चढ़ाएं, गीली मिट्टी का तिलक करें। शुक्रवार को भूखे को खाना दें।
- दस कौड़ियां अपने खजाने में रखें।
- वीरवार की प्रातः जलकुंभी तोड़ कर पीले कपड़े में बांध कर दुकान व कार्यस्थल के ईशान कोण में लटकाएं।