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Maha Kumbh 2025 : मेले में जाने का बना रहे हैं प्लान तो देखना ना भूलें प्रयागराज की ये ऐतिहासिक जगहें

दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री, पर्यटक और आध्यात्मिक साधक आते हैं
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चंडीगढ़, 7 जनवरी (ट्रिन्यू)

Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ मेला 2025 दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समारोहों में से एक है। इस साल, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में यह भव्य आयोजन होने जा रहा है, जिसमें दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्री, पर्यटक और आध्यात्मिक साधक आते हैं।

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मेले व गंगा स्नान के अलावा पर्यटक यहां त्रिवेणी संगम, इलाहाबाद किला, आनंद भवन, हनुमान मंदिर और अलोपी देवी मंदिर का अनुभव कर सकते हैं। आज हम प्रयागराज की ऐसी ही 5 जगहों के बारे में बताएंगे, जिसे आप महाकुंभ ट्रिप के दौरान देख सकते हैं...

त्रिवेणी संगम

कुंभ मेले के दौरान सबसे प्रतिष्ठित स्थान त्रिवेणी संगम है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम देखने को मिलता है। तीर्थयात्री यहां पवित्र डुबकी लगाने आते हैं। माना जाता है कि यह आत्मा को शुद्ध करता है और पापों को दूर करता है।

हनुमान मंदिर

प्रयाग रेलवे स्टेशन के पास स्थित हनुमान मंदिर सबसे पुराने और प्रतिष्ठित स्थानों में से एक है। यहां हजारों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं, खासकर महाकुंभ के दौरान।

अलोपी देवी मंदिर

देवी अलोपी को समर्पित यह मंदिर प्रयागराज में एक छिपा हुआ रत्न है। देवी की मूर्ति को उत्सव के दौरान संगम पर ले जाया जाता है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां देवी के पदचिह्न दिखाई देते हैं।

प्रयागराज इलाहाबाद किला

प्रयागराज अपने ऐतिहासिक इलाहाबाद किले के लिए भी प्रसिद्ध है। इस स्थापत्य कला का चमत्कार मुगल राजा अकबर ने 16वीं शताब्दी के दौरान करवाया था। यह फारसी और मुगल शैलियों का एक सुंदर मिश्रण है।

पातालपुरी मंदिर

पौराणिक अक्षय वट वृक्ष पातालपुरी मंदिर के अंदर खड़ा है, जो प्रयागराज इलाहाबाद किले के अंदर बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यह वृक्ष अमर है इसलिए पर्यटक इसे देखने के लिए जरूर आते हैं।

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