Panchang 15 September 2025: मातृ नवमी आज, जानें किसका करना चाहिए श्राद्ध, क्या हैं नियम
Maatru Navami 2025: आज नवमी तिथि का श्राद्ध है। पितृपक्ष की 16 दिवसीय अवधि पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए समर्पित मानी जाती है। प्रत्येक तिथि का अपना महत्व होता है, जिनमें नवमी विशेष रूप से मातृ नवमी कहलाती है। इस दिन दिवंगत माताओं, बहनों और बेटियों की आत्मा की तृप्ति के लिए श्राद्ध और तर्पण किया जाता है।
पंडित अनिल शास्त्री का कहना है कि शास्त्रों के अनुसार जिन महिलाओं का निधन उनके पति के जीवित रहते हुआ हो अथवा जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात न हो, उनका श्राद्ध इस दिन किया जा सकता है।
मातृ नवमी के दिन किया गया श्राद्ध मातृ पितरों को शांति व मोक्ष प्रदान करता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि लाता है। माना जाता है कि इससे श्राद्धकर्ता को मातृत्व, स्नेह और करुणा का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन नारी जाति के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रकट करने की भी परंपरा है।
धार्मिक मान्यता है कि इस अवसर पर दान-पुण्य करना चाहिए। सुहागिन स्त्रियों को चूड़ियां, बिंदी, वस्त्र आदि भेंट करना तथा वृद्ध महिलाओं का आशीर्वाद लेना शुभ फलदायी होता है। ब्राह्मण पत्नी को भोजन कराना और पीपल वृक्ष के नीचे दीपक जलाना भी पुण्यदायी है। इसके साथ ही गाय, कुत्ते, चींटी, मछली और कौवे को अन्न-जल अर्पित करना पितरों की तृप्ति का माध्यम माना गया है।
Panchang 15 September 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 24
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास आश्विन, कृष्ण पक्ष
तिथि नवमी (अर्धरात्रोत्तर 01:32 तक), उपरांत दशमी
वार सोमवार
सौर मास भाद्रपद प्रविष्टे 31
अंग्रेजी तिथि 15 सितम्बर 2025
सूर्य स्थिति दक्षिणायन, उत्तर गोल
ऋतु शरद
राहुकाल प्रातः 07:30 से 09:00 बजे तक
नक्षत्र मृगशिरा (07:30 तक), उपरांत आद्रा
योग व्यतिपात (02:36 तक), उपरांत वरीयान
करण तैतिल (02:16 तक), उपरांत वणिज
विजय मुहूर्त दोपहर 02:19 से 03:09 बजे तक
निशीथ काल रात 11:53 से 12:40 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 06:26 से 06:49 बजे तक
चन्द्र राशि मिथुन
विशेष नवमी का श्राद्ध
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।