Lunar eclipse 2025 : कहीं दिखा कहीं ओझल : खोया-खोया चांद... और छुपा बादल में (See Pics)
बहरहाल ग्रहण लगा और जहां दिख सका वहां लोगों ने देखा
पिछले कुछ दिनों से रविवार रात लगने वाले चंद्रग्रहण की चर्चा हर तरफ होती रही। जिज्ञासा और मौसम के हिसाब से पूरे देश में ग्रहण के दिख सकने की खगोलविदों की जानकारी के बीच उत्तर भारत के ज्यादातर इलाकों में बादलों की आवाजाही की चर्चा भी खूब होती रही।
मौसम इन दिनों खराब है। बादलों की लुका-छिपी और चंद्र ग्रहण की चहुं ओर चर्चा के बीच फिल्मी गीत 'खोया-खोया चांद, खुला आसमां' में मानो दूसरा गीत जुड़ गया हो जिसके बोल हैं चांद छुपा बादल में...। बहरहाल ग्रहण लगा और जहां दिख सका वहां लोगों ने देखा। जहां बादलों ने उम्मीदों पर पानी फेरा, वहां लोग मायूस हुए। इसके साथ ही धार्मिक तौर पर भी इसके महत्व पर खूब चर्चा हुई।
ग्रहण से करीब 9 घंटे पहले यानी अपराह्न 12:58 बजे सूतक काल शुरू हो गया। धार्मिक परंपराओं के अनुसार इस दौरान मंदिरों में पूजा पाठ वर्जित होता है, जिसे देखते हुए अनेक इलाकों में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए। जानकारों के मुताबिक, वर्ष 2022 के बाद भारत में रविवार को पूर्ण चंद्रग्रहण लगा। ऐसा चंद्रग्रहण अब 31 दिसंबर, 2028 को लगेगा।
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी छाया चंद्र सतह पर पड़ती है। रविवार को लगे पूर्ण चंद्रग्रण की की अवधि 82 मिनट की रही।

