एक बार दार्शनिक अरस्तू से एक व्यक्ति ने पूछा, ‘महोदय, आप जीवन में बहुत से महान और योग्य व्यक्तियों से मिले होंगे। आप उनसे बहुत कुछ सीखते होंगे। कृपया, हमें भी उनके बारे में बताइए।’ अरस्तू ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘नहीं, मैंने जीवन में जिनसे भी सीखा, वे कोई प्रसिद्ध विशेषज्ञ नहीं थे। मैं हमेशा सामान्य, रोज़मर्रा के वातावरण में ही रहा हूं। वहां मैंने कपटी व्यक्तियों से ईमानदारी, कृपण से उदारता, बातूनी से मौन, असहिष्णु से सहनशीलता, निर्दयी से दया, और जल्दबाज़ से धीरज सीखा। इन अनुभवों का प्रभाव आज भी मुझ पर है, और मैं इन सभी व्यक्तियों का आभारी हूं, क्योंकि उन्होंने मुझे जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का मौका दिया।’
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