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Panchang 7 March 2025: होलाष्टक आज से शुरू, जानें क्यों हैं इस दौरान शुभ कार्य करने वर्जित

Holashtak 2025: आज शुक्रवार से होलाष्टक शुरू हो गए हैं, जो 13 मार्च को समाप्त होगा, इसी दिन होलिका दहन भी होगा
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चंडीगढ़, 7 मार्च (ट्रिन्यू)

Holashtak 2025: फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक के आठ दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। इस दौरान विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। आज शुक्रवार से होलाष्टक शुरू हो गए हैं, जो 13 मार्च को समाप्त होगा। इसी दिन होलिका दहन भी होगा।

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पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक होलाष्टक के दौरान सभी ग्रह उग्र स्वभाव में रहते हैं, जिससे शुभ कार्यों का अनुकूल फल नहीं मिलता। चंद्र, सूर्य, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु इन आठ दिनों में क्रमशः उग्र हो जाते हैं, जिससे मानसिक अस्थिरता और निर्णय लेने की क्षमता प्रभावित होती है।

हिंदू परंपरा के अनुसार, इन दिनों होलिका दहन की तैयारियां प्रारंभ हो जाती हैं। प्राचीनकाल में इस अवधि में होलिका दहन स्थल को शुद्ध किया जाता था और वहां लकड़ी (डंडा) स्थापित की जाती थी, जिसे होलिका और प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता था।

इस बार 14 मार्च से मलमास प्रारंभ हो रहा है, जो 13 अप्रैल तक चलेगा, जिससे विवाह व अन्य शुभ कार्य इस अवधि में नहीं होंगे। विशेष रूप से वृश्चिक राशि या नीच राशि के चंद्रमा वाले जातकों को होलाष्टक में अधिक सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

Panchang 7 March 2025: अंग्रेजी तारीख 07 मार्च 2025

राष्ट्रीय मिति फाल्गुन 16, शक संवत 1946

विक्रम संवत् 2081

सौर मास फाल्गुन मास प्रविष्टे 24

सूर्य स्थिति उत्तरायण, दक्षिण गोल

ऋतु बसंत

राहुकाल 10:30 पूर्वाह्न – 12:00 अपराह्न

अष्टमी तिथि समाप्त 09:19 पूर्वाह्न

नवमी तिथि प्रारंभ 09:19 पूर्वाह्न

मृगशिरा नक्षत्र समाप्त 11:32 रात्रि

आद्र्रा नक्षत्र प्रारंभ 11:32 रात्रि

प्रीति योग समाप्त 06:15 सायं

आयुष्मान योग प्रारंभ 06:15 सायं

बव करण समाप्त 09:19 पूर्वाह्न

कौलव करण प्रारंभ 09:19 पूर्वाह्न

विजय मुहूर्त 02:30 अपराह्न से 03:17 अपराह्न

निशिथ काल 12:07 मध्यरात्रि से 12:56 मध्यरात्रि

गोधूलि बेला 06:22 सायं से 06:47 सायं

रवि योग 11:32 पूर्वाह्न से 06:39 मध्यरात्रि

चंद्रमा संचार 11:45 पूर्वाह्न तक वृष, उपरांत मिथुन

आज के व्रतत्योहार होलाष्टक प्रारंभ, अन्नपूर्णा अष्टमी

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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