Haryana News: सिरसा का डेरा बाबा सरसाई नाथ, जहां मिला था शाहजहां के बेटे को जीवनदान
Haryana News: सिरसा में 30 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा डेरा बाबा सरसाईनाथ संवतोत्सव
आनंद भार्गव/हप्र, सिरसा, 13 मार्च
Haryana News: यहां के प्राचीन डेरा बाबा सरसाईनाथ में 30 मार्च 2025 को नव संवत 2082 के शुभ अवसर पर पारंपरिक संवतोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु डेरा परिसर में एकत्रित होंगे और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे। इस आयोजन की तैयारियों को लेकर महंत सुंदराई नाथ की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई, जिसमें कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी सेवादारों को सौंपी गई।
रात 12:15 बजे होगा भोग, मेला भी लगेगा
महंत सुंदराई नाथ ने बताया कि 30 मार्च की मध्यरात्रि 12:15 बजे बाबा का भोग अर्पित किया जाएगा और इसके बाद डेरा परिसर में विशाल मेले का आयोजन होगा। श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, डेरा को विद्युत सजावट और फूलों से भव्य रूप से सजाया जाएगा।
बाबा सरसाईनाथ के नाम पर बसा सिरसा शहर
महंत सुंदराई नाथ के अनुसार, सिरसा शहर की स्थापना बाबा सरसाईनाथ के नाम पर हुई थी। यह डेरा मुगलकालीन काल से नाथ संप्रदाय का एक प्रमुख धार्मिक स्थल रहा है। ऐतिहासिक महत्व की बात करें तो, मुगल सम्राट शाहजहां के पुत्र दारा शिकोह को बाबा सरसाईनाथ ने जीवनदान दिया था, जिसके उपलक्ष्य में शाहजहां ने डेरे के नाम सैंकड़ों एकड़ भूमि दान की थी और भव्य दरबार बनवाया था। आज भी मुगलकालीन ताम्रपत्र डेरे में सुरक्षित रखा गया है।
सरसाईनाथ के नाम पर बन रहा मेडिकल कॉलेज
बाबा सरसाईनाथ के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए हरियाणा सरकार सिरसा में उनके नाम पर एक मेडिकल कॉलेज बना रही है। यह मेडिकल कॉलेज सिरसा बाईपास पर स्थित सीडीएलयू (चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय) के सामने बन रहा है। इसका शिलान्यास राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव और पूर्व विधायक गोपाल कांडा ने भूमिपूजन किया था।
श्रद्धालुओं से संवतोत्सव में शामिल होने की अपील
महंत सुंदराई नाथ ने सिरसा व आसपास के श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे 30 मार्च को आयोजित होने वाले नव संवतोत्सव में सपरिवार भाग लें और बाबा सरसाईनाथ का आशीर्वाद प्राप्त करें। इस अवसर पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठान और मेले में शामिल होकर श्रद्धालु पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं।

