Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Hanuman Ji Puja Niyam : मंगलवार को बजरंगबली की पूजा करते समय न करें ये गलतियां

Hanuman Ji Puja Niyam : मंगलवार को बजरंगबली की पूजा करते समय न करें ये गलतियां
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 18 मार्च (ट्रिन्यू)

Hanuman Ji Puja Niyam : बजरंगबली की पूजा विशेष रूप से मंगलवार के दिन की जाती है, क्योंकि यह दिन भगवान हनुमान को समर्पित है। हनुमान जी की पूजा करने से मानसिक शांति, समृद्धि और जीवन में समस्याओं से राहत मिलती है। हालांकि कुछ खास बातें हैं, जिन्हें ध्यान में रखना चाहिए, ताकि पूजा सही ढंग से हो और लाभकारी हो।

Advertisement

इन गलतियों से बचकर और सही तरीके से पूजा करने से हनुमान जी की कृपा मिलती है, जिससे जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।

मंगलवार को बजरंगबली की पूजा करते समय न करें ये गलतियां

अशुद्ध होकर पूजा न करें

पूजा से पहले स्नान और स्वच्छता जरूरी है। अशुद्ध होकर पूजा करना गलत माना जाता है क्योंकि पूजा में शुद्धता का बहुत महत्व है।

गलत समय पर पूजा न करें

भगवान हनुमान की पूजा सूर्योदय से पहले या बाद में की जा सकती है लेकिन ध्यान रखें कि सूर्योदय के बाद का समय सबसे उपयुक्त होता है। इसके अलावा, पूजा का समय भी सही होना चाहिए, जैसे प्रदोष काल में।

लाल कपड़े न पहनें

भगवान हनुमान का पसंदीदा रंग लाल है लेकिन पूजा करने वाले व्यक्ति को लाल कपड़े पहनने की आवश्यकता नहीं है। साधारण सफेद या अन्य स्वच्छ रंग के कपड़े पहनना बेहतर होता है।

इन पेड़ों के नीचे पूजा न करें

मंगलवार के दिन पीपल या नीम के पेड़ों के नीचे पूजा करने की मनाही होती है। यह स्थान असुरक्षित माना जाता है और यहां पूजा करने से पाप लग सकते हैं।

सुनसान या गंदे स्थान पर पूजा न करें

पूजा हमेशा स्वच्छ और शांत स्थान पर करनी चाहिए। सुनसान या गंदे स्थान पर पूजा करने से लाभ की बजाय हानि हो सकती है।

भोजन या प्याज-लहसुन का सेवन न करें

मंगलवार को व्रत रखने वाले लोगों को मांसाहारी भोजन, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।

व्रत के दौरान झूठ बोलना या गुस्से में आना

मंगलवार को व्रत रखने के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से बचना चाहिए। झूठ बोलना या गुस्से में आना पूजा और व्रत के उद्देश्यों के खिलाफ होता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
×