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Gyan ki Baatein : ताजमहल गिफ्ट करने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?

Gyan ki Baatein : ताजमहल गिफ्ट करने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?
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चंडीगढ़, 25 फरवरी (ट्रिन्यू)

Gyan ki Baatein : प्यार की निशानी माना जाने वाला ताजमहल देखने में बेहद खूबसूरत है लेकिन इसे घर में रखना अशुभ माना जाता है। अक्सर आपने सुना होगा कि ताजमहल कभी भी उपहार में नहीं देना चाहिए। दादी-नानी और बड़े बुजुर्ग भी ताजमहल को गिफ्ट करने के लिए मना करती है लेकिन जानते हैं क्यों...

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ताजमहल को गिफ्ट करने के लिए दादी-नानी मना करती हैं क्योंकि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। ताजमहल सिर्फ एक ऐतिहासिक धरोहर नहीं है बल्कि यह प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी है। यह शहजादा शाहजहाँं द्वारा अपनी पत्नी मुमताज़ महल के लिए बनवाया गया था।

क्या कहता है वास्तु शास्त्र?

ताजमहल का निर्माण वास्तु शास्त्र के हिसाब से बहुत ही खास तरीके से किया गया है। इसका स्थान, संरचना और दिशा सभी बहुत ही विशेष हैं। इसे स्थानांतरित करने या गिफ्ट करने से वास्तु दोष हो सकता है क्योंकि हर जगह की ऊर्जा और दिशा का प्रभाव उस स्थान पर होता है और ताजमहल का स्थान बदलने से उस ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है।

संस्कार और ऐतिहासिक महत्व

इसके अलावा ताजमहल सिर्फ एक स्मारक नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक धरोहर है, जो भारतीय संस्कृति, प्रेम और इतिहास को दर्शाता है। इसे गिफ्ट करने से इसका ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व कमजोर हो सकता है।

ताजमहल क्यों नहीं करना चाहिए गिफ्ट?

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, ताजमहल भले ही प्यार की निशानी हो लेकिन ये एक मकबरा है, जो मृत्यु और अलगाव का प्रतीक है। वहीं, हिंदू धर्म के मुताबिक, घर में कब्रिस्तान या समाधि की तस्वीर रखना बेहद अशुभ माना जाता है। यही वजह है कि ताजमहल गिफ्ट करना अशुभ माना जाता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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