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Gyan ki Baatein : चैत्र नवरात्रि में गंदे कपड़े पहनने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?

Gyan ki Baatein : चैत्र नवरात्रि में गंदे कपड़े पहनने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?
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चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Gyan ki Baatein : नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विशेष रूप से देवी दुर्गा की पूजा अर्चना के लिए मनाया जाता है। यह पर्व 9 दिनों तक चलता है और इस दौरान भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ देवी की उपासना करते हैं। नवरात्रि के दौरान विशेष ध्यान रखने वाली बातों में से एक है कपड़े पहनने से संबंधित नियम। खासकर दादी-नानी अक्सर नवरात्रि में गंदे और अस्त-व्यस्त कपड़े पहनने से मना करती हैं। इसके पीछे कई धार्मिक, मानसिक, और सामाजिक कारण होते हैं।

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स्वच्छता और पवित्रता

हिंदू धर्म में स्वच्छता को अत्यधिक महत्व दिया गया है। नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व के दौरान, पूजा और उपासना के समय स्वच्छ और पवित्र कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है। गंदे कपड़े पहनना न केवल शारीरिक अशुद्धता को दर्शाता है बल्कि यह मानसिक अशुद्धता को भी जन्म देता है। स्वच्छता से आत्मा और शरीर दोनों ही शुद्ध रहते हैं।

क्या मानती है दादी नानी?

दादी-नानी यह मानती हैं कि नवरात्रि में केवल स्वच्छ और नए कपड़े पहनने से आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। यही कारण है कि दादी-नानी नवरात्रि के दौरान गंदे कपड़े न पहनने की सलाह देती है।

नवरात्रि के दौरान गंदे कपड़े पहनने से बचने की सलाह दादी-नानी इसलिए भी देती हैं क्योंकि इसके पीछे शुद्धता, श्रद्धा, और मानसिक शांति का संदेश होता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से सही है, बल्कि यह हमें आत्मनिर्भर और व्यवस्थित रहने के लिए भी प्रेरित करता है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार

गंदे कपड़े पहनने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सकता है, जो व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। स्वच्छ कपड़े पहनने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो व्यक्ति को शांति, ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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