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Gyan ki Baatein : मंदिर से लौटते वक्त घंटी बजाने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?

Gyan ki Baatein : मंदिर से लौटते वक्त घंटी बजाने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?
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चंडीगढ़, 15 फरवरी (ट्रिन्यू)

Gyan ki Baatein : हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करना बहुत जरूरी है। अगर आप पूजा-पाठ का पूरा लाभ उठाना चाहते हैं। इन्हीं नियमों में से एक है पूजा के लिए मंदिर में प्रवेश करते ही घंटी बजाना। मंदिर के अंदर जाते समय घंटी बजाना शुभ माना जाता है लेकिन हिंदू परंपरा के अनुसार, मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए।

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अक्सर दादी-नानी को भी आपने कहते हुए सुना होगा कि मंदिर से वापिस लौटते घंटी मत बजाओ। ऐसा माना जाता है कि घंटी बजाने का कार्य पवित्र स्थान में प्रवेश करने और अपने मन को प्रार्थना पर केंद्रित करने का प्रतीक है इसलिए बाहर निकलते समय घंटी बजाने से मंदिर के भीतर एकत्रित सकारात्मक ऊर्जा बाधित होगी और इसे स्थान की पवित्रता का अनादर माना जाता है।

क्यों बजाई जाती है घंटी?

ऐसा माना जाता है कि जब भी हम मंदिर की घंटी बजाते हैं, तो घंटी बजाने वाले और आसपास के लोगों पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वास्तु शास्त्र के साथ-साथ स्कंद पुराण में भी इस बात का उल्लेख है कि जब हम मंदिर की घंटी बजाते हैं, तो उसकी ध्वनि 'ॐ' की ध्वनि के समान होती है। 'ॐ' की ध्वनि को शुद्ध, पवित्र और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा माना जाता है इसलिए मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाने की परंपरा है।

मंदिर से लौटते वक्त क्यों नहीं बजानी चाहिए घंटी?

ज्यादातर लोग इस बात से अनजान हैं कि मंदिर से लौटते समय घंटी क्यों नहीं बजानी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आप मंदिर की सकारात्मक ऊर्जा को मंदिर में ही छोड़ देते हैं। ऐसे में आप मंदिर से खाली हाथ लौटते हैं इसलिए मंदिर से बाहर निकलते समय घंटी नहीं बजानी चाहिए।

मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी क्यों बजानी चाहिए?

सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही पूजा-पाठ को महत्व दिया जाता रहा है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब हम मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी बजाते हैं तो ऐसा माना जाता है कि घंटी की ध्वनि हमारे शरीर में मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती है और लोगों के लिए सुख-समृद्धि के द्वार भी खोलती है।

ऐसा भी कहा जाता है कि भगवान को घंटी की ध्वनि बहुत पसंद होती है और घंटी बजाकर भक्त भगवान से मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति मांगते हैं। साथ ही इससे देवताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं और फिर उनकी पूजा करते हैं।

मंदिर की घंटी कब बजानी चाहिए?

शास्त्रों में लिखा है कि हमें सुबह और शाम मंदिर की घंटी जरूर बजानी चाहिए। सुबह-शाम घंटी बजाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसलिए हमें नियमित रूप से पूजा-पाठ शुरू करने से पहले अपने घर में घंटी बजानी चाहिए।

क्या कहता है विज्ञान?

वैज्ञानिकों का भी ऐसा मानना है कि घंटी की ध्वनि शरीर और आस-पास के वातावरण में मौजूद सभी बैक्टीरिया और वायरस को नष्ट कर देती है, जिससे मंदिर व उसके आस-पास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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