Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Gyan ki Baatein : सूर्यास्त से पहले भोजन कर लो... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी? जानिए जल्दी डिनर करने के फायदे

Gyan ki Baatein : सूर्यास्त से पहले भोजन कर लो... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी? जानिए जल्दी डिनर करने के फायदे
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

चंडीगढ़, 9 मार्च (ट्रिन्यू)

Gyan ki Baatein : अक्सर रात का डिनर सूर्यास्त से पहले या 7-8 बजे तक करने के लिए कहा जाता है। एक्सपर्ट भी अच्छी सेहत के लिए जल्दी डिनर करने की सलाह देते हैं। वहीं, दादी-नानी भी अक्सर सूर्यास्त से पहले भोजन करने की सलाह देती है क्योंकि इसका संबंध स्वास्थ्य और परंपराओं से जुड़ा होता है। दादी-नानी का ऐसा कहना हमें केवल एक अच्छी आदत अपनाने के लिए नहीं, बल्कि हमारे शरीर और मन के लिए भी फायदेमंद होता है।

Advertisement

क्या कहता है जैन धर्म?

जैन धर्म में सूर्यास्त के बाद भोजन करने को निषेध माना गया है, क्योंकि रात्रि में सूक्ष्म जीव बढ़ जाते हैं और भोजन में प्रवेश कर जाते हैं, जिसे हिंसा माना जाता है।

इसलिए नहीं खाते सूर्यास्त के बाद खाना

जैन धर्म में अहिंसा को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है। सूर्यास्त के बाद सूक्ष्म जीव बढ़ जाते हैं और भोजन में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है, इसलिए रात्रि भोजन को हिंसा माना गया है।

पाचन शक्ति हो जाती है कम

आयुर्वेद में कहा गया है कि सूर्यास्त के बाद पाचन शक्ति कम हो जाती है, इसलिए सूर्यास्त से पहले भोजन करना चाहिए। यह भी कहा जाता है कि हमारा पाचन तंत्र कमल के समान होता है, जो सूर्योदय के साथ खिलता है और सूर्यास्त के साथ बंद हो जाता है। ऐसे में सूर्यास्त के बाद भोजन करने से पाचन तंत्र को भोजन को ठीक से पचाने में परेशानी हो सकती है।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

वैज्ञानिकों का कहना है कि रात्रि में सूक्ष्म जीव बड़ी मात्रा में फैल जाते हैं। ऐसे में सूर्यास्त के बाद खाना बनाने से सूक्ष्म जीव भोजन में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती है।

इसके अलावा जल्दी भोजन करने से सोने से पूर्व भोजन को पचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है, जिससे गैस, एसिडिटी एवं पेट में भारीपन आदि जैसे समस्याओं से बचा जा सकता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
×