Gyan Ki Baat : रात में परफ्यूम लगाकर बाहर जाने के लिए क्यों मना करती हैं दादी-नानी?
चंडीगढ़, 5 फरवरी (ट्रिन्यू)
Gyan Ki Baat : हिंदू धर्म में माना जाता है कि इत्र लगाने से आध्यात्मिक विकास बढ़ता है और मन, शरीर व आत्मा शुद्ध होती है। इत्र का उपयोग भक्ति, प्रेम और ईश्वर के प्रति समर्पण के प्रतीक के रूप में भी किया जाता है। कई देवी-देवताओं को इत्र चढ़ाने का भी रिवाज है लेकिन कई बार खूशबू सिर्फ सकारात्मक ही नहीं बल्कि नकारात्मक ऊर्जा का कारण भी बन सकती है।
दरअसल, हिंदू धर्म में रात के समय इत्र या किसी भी तरह के परफ्यूम के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। दादी-नानी भी रात के समय परफ्यूम लगाने से मना करती है। खासकर दादी-नानी सुनसान जगहों, श्मशान, पेड़-पौधों के नजदीक, चौराहे या तिराहे पर परफ्यूम लगाकर जाने के लिए मना करती हैं। चलिए आपको बताते हैं कि हिंदू धर्म में रात के समय परफ्यूम लगाने की अनुमति क्यों नहीं है?
नकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित करना
माना जाता है कि रात में परफ्यूम या इत्र लगाने से नकारात्मक ऊर्जाएं और बुरी आत्माएं आकर्षित होती हैं। इनकी तेज सुगंध एक ऐसा आभामंडल बना सकती है जो इन ऊर्जाओं को अपनी ओर खींचती है। यही वजह है कि हिंदू परंपरा में रात के समय परफ्यूम इस्तेमाल करने की मनाही होती है।।
क्या कहता है आयुर्वेद?
आयुर्वेद के अनुसार, इत्र शरीर में दोषों (ऊर्जाओं) के संतुलन को बिगाड़ सकता है। रात में इसे लगाने से पित्त (अग्नि) या कफ (जल) दोष बढ़ सकता हैं, जिससे शारीरिक और मानसिक असंतुलन हो सकता है इसलिए रात में परफ्यूम लगाने से बचने की सलाह दी जाती है।
नीद में डालती है बाधा
ऐसी मान्यता है कि रात के समय इन चीजों का इस्तेमाल करने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, जिससे नींद में खलल पड़ता है। साथ ही इससे आध्यात्मिक चिंतन में भी बाधा आती है। ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि रात में तेज खूशबू वाली चीजें लगाने से अजीब सपने आ सकते हैं।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।