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Gyan Ki Baat: जूते-चप्पल उल्टे होने पर क्यों टोकते थे बड़े बुजुर्ग? शनिदेव से गहरा संबंध

Gyan Ki Baat: जूते-चप्पल उल्टे होने पर क्यों टोकते थे बड़े बुजुर्ग? शनिदेव से गहरा संबंध
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चंडीगढ़, 13 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Gyan Ki Baat: दादी-नानी के पास ज्ञान से भरी कई बातें होती है इसमें कोई शक नहीं। उम्र का तजुर्बा कई सीख लेकर ही आता है। वहीं, जूते-चप्पल उल्टे होने पर आपने भी अपनी बड़े-बुजुर्गों से टोक या डांट खाई होगी। चलिए आपको बताते हैं जूते-चप्पल उल्टे होने का धार्मिक दृष्टिकोण...

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माना जाता है कि जूते-चप्पल उल्टे रखना घर में नकारात्मकता या दुर्भाग्य को आमंत्रित करता है। इससे घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बाधित होता है। वहीं, इसे अपने सामान के प्रति अनादर का प्रतीक भी माना जाता है।

वास्तु के अनुसार, जूते-चप्पल उल्टे होना परिवार में लड़ाई-झगड़े का कारण बन सकता है। वहीं, इससे माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है , जिससे घर में आर्थिक समस्याएं व बीमारियां आ सकती है।

धार्मिक मान्यताएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, शनिदेव को पैरों कारक माना जाता है इसलिए जूते-चप्पल उल्टे रखने पर वह नाराज हो जाते है। ऐसा भी माना जाता है कि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है क्योंकि इसे अपमान माना जाता है। ऐसे में उल्टी चप्पल को तुरंत सीधा कर दें।

जूते-चप्पल से जुड़े अन्य वास्तु टिप्स

-वास्तु के अनुसार, उत्तर और पूर्व दिशा में जूते-चप्पल नहीं रखने चाहिए। माना जाता है कि इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है क्योंकि यह दिशा देवी लक्ष्मी की है। यही कारण है कि जो लोग इन दिशाओं में जूते-चप्पल रखते हैं, देवी उनसे नाराज़ हो जाती हैं।

-बंद कैबिनेट और रैक खुले शू शेल्फ से कहीं बेहतर हैं क्योंकि बंद कैबिनेट नकारात्मकता को फैलने से रोकते हैं।

-घर के दरवाज़े पर जूते-चप्पल का ढेर रखना पूरी तरह से गलत माना जाता है। इससे घर के लोगों के बीच कलह हो सकती है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। Dainiktribune.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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