Gyan Ki Baat : तुलसी के पास गंदे बर्तन मत रखो... ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
Gyan Ki Baat : हिंदू धर्म में तुलसी को तुलसी के पौधो को देवी के रूप में पूजा जाता है। वहीं, हिंदू धर्म व वास्तु शास्त्र में इसे शुद्धता, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है। तुलसी का पौधा घर में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, वातावरण शुद्ध होता है और देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
कई बार लोग अनजाने में तुलसी के पास कुछ ऐसी चीजें रख देते हैं, जो वास्तु दोष उत्पन्न करती हैं। आपने अक्सर आपने दादी-नानी या बड़े बुजुर्ग को भी कहते हुए सुना होगा कि तुलसी के पास गंदे बर्तन, कूड़ेदान आदि जैसी चीजें नहीं रखनी चाहिए। चलिए आपको बताते हैं कि तुलसी के पास किन चीजों को रखने की मनाही होती है।
झूठे बर्तन
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पास कभी भी झूठे बर्तन नहीं रखने चाहिए क्योंकि यह एक पवित्र पौधा है। तुलसी के पास गंदे बर्तन रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता का वास हो सकता है इसलिए इसके आसपास शुद्धता होनी चाहिए।
कूड़ेदान
तुलसी के पौधे के पास कभी भी कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए। यह ना केवल वास्तु दोष उत्पन्न करता है बल्कि तुलसी की ऊर्जा को भी प्रभावित करता है।
नुकीली या लोहे की वस्तुएं
वास्तु के अनुसार, तुलसी के पास लोहे की वस्तुएं या नुकीली चीजें जैसे चाकू, कैंची आदि रखना भी वर्जित माना गया है क्योंकि ये वस्तुएं नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। इससे घर में वातावरण अशांत हो सकता है।
कांटेदार पौधे या बोंसाई
तुलसी के आसपास कभी भी कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस, गुलाब या कोई भी बोंसाई पौधा नहीं लगाना चाहिए। वास्तु के अनुसार, कांटेदार पौधे घर में कलह और मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। वहीं बोंसाई पौधे विकास में रुकावट के प्रतीक माने जाते हैं।
जूते-चप्पल
अगर तुलसी घर के मुख्य द्वार के पास लगी हो तो ध्यान रखें कि इसके आसपास जूते-चप्पल आदि ना रखें। इसे देवी तुलसी का अपमान माना जाता है। वहीं, वास्तु शास्त्र में इसे अशुद्धता का प्रतीक माना गया है।
धार्मिक मूर्तियां
भले ही हिंदू धर्म में तुलसी पूजनीय पौधा है लेकिन फिर भी इसके आसपास देवी-देवताओं की मूर्तियां, खासकर भोलेनाथ की तस्वीर या शिवलिंग रखना अनुचित माना जाता है।
झाड़ू
वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पास झाड़ू रखना भी अशुभ माना जाता है। इससे घर में नेगेटिव एनर्जी व दरिद्रता आ सकती है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।