Govardhan Puja: गोवर्धन पूजा आज, यहां पढ़ें पूजा के लिए कब है शुभ मुहूर्त
Govardhan Puja: दिवाली के बाद प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की अद्भुत लीला की याद में मनाया जाता है। भक्तजन इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की...
Govardhan Puja: दिवाली के बाद प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा मनाई जाती है। यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाने की अद्भुत लीला की याद में मनाया जाता है। भक्तजन इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर पूजा-अर्चना करते हैं और उनसे सुख, समृद्धि व सुरक्षा का आशीर्वाद मांगते हैं।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक गोवर्धन पूजा का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण से भी जुड़ा है। इसे प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का पर्व माना जाता है। इस दिन लोग दान-पुण्य के कार्य करते हैं और धरती माता के प्रति आभार प्रकट करते हैं। समाज में कुछ स्थानों पर तिथि को लेकर असमंजस रहता है, लेकिन श्रद्धा और उल्लास हर वर्ष की तरह इस बार भी चरम पर है।
गोवर्धन पूजा तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि का आरंभ 21 अक्तूबर को शाम 5:54 बजे हुआ था और इसका समापन 22 अक्तूबर को रात 8:17 बजे होगा। इसी आधार पर इस वर्ष गोवर्धन पूजा का पर्व आज मनाया जा रहा है। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3:13 बजे से शाम 5:49 बजे तक रहेगा। इस अवधि में स्वाती नक्षत्र और प्रीति योग का संयोग बन रहा है, जिसे अत्यंत मंगलकारी माना गया है। इस दिन सूर्य और चंद्रमा दोनों के तुला राशि में गोचर करने से यह समय और भी शुभ माना गया है।
गोवर्धन पूजा की विधि
पूजा की शुरुआत गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाकर की जाती है। घर के आंगन या खुले स्थान पर रखी गई इस आकृति पर रोली, चावल और दीपक अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद खीर, पूरी, बताशे, दूध, जल और केसर से भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत का पूजन किया जाता है। पूजन के उपरांत परिवारजन श्रद्धापूर्वक गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं और आरती उतारते हैं। अंत में भगवान से क्षमायाचना की जाती है ताकि पूजा में हुई किसी भी भूल का प्रायश्चित हो सके।
Panchang 22 October 2025:
राष्ट्रीय मिति आश्विन 30
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास कार्तिक
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथि प्रतिपदा (रात्रि 08:17 तक), उपरांत द्वितीया तिथि आरंभ
वार बुधवार
सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 06
अंग्रेजी तिथि 22 अक्टूबर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायण
गोल दक्षिण गोल
ऋतु शरद ऋतु
राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे तक
नक्षत्र स्वाती (अर्धरात्रोत्तर 01:52 तक), उपरांत विशाखा
योग प्रीति योग (अर्धरात्रोत्तर 04:05 तक), उपरांत आयुष्मान योग
करण किस्तुघ्न (प्रातः 07:05 तक), उपरांत बालव करण
विजय मुहूर्त दोपहर 01:58 से 02:44 तक
निशीथ काल रात 11:40 से 12:31 तक
गोधूलि बेला शाम 05:44 से 06:10 तक
चन्द्र स्थिति चन्द्रमा दिन-रात तुला राशि में
विशेष पर्व गोवर्धन पूजा
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।