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संगम नगरी में महक रही गंगा-जमुनी तहजीब

हरि मंगल महाकुंभनगर : प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन से पूर्व मुस्लिम समाज को लेकर संतों में बड़ा आक्रोश रहा। तमाम नामधारी संत और हिन्दू संगठन महाकुंभ क्षेत्र में मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश पर कठोरता से रोक लगाने की...
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प्रयागराज में रविवार को आस्था की डुबकी लगाते श्रद्धालु। - एएनआई
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हरि मंगल

महाकुंभनगर : प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन से पूर्व मुस्लिम समाज को लेकर संतों में बड़ा आक्रोश रहा। तमाम नामधारी संत और हिन्दू संगठन महाकुंभ क्षेत्र में मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश पर कठोरता से रोक लगाने की मांग करते रहे। आरोप था कि इन्हें न तो हमारी पूजा पद्धति के बारे में पता है और न मुस्लिम समाज से जुड़े व्यापारियों का चरित्र ठीक है, ऐसे लोगों का महाकुंभ में क्या काम है। लेकिन आरोप-प्रत्यारोप से अलग जब अवसर आया तो संगम नगरी के मुस्लिम समाज ने एक बार फिर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल कायम की है, जिसके लिए यह नगर विख्यात रहा है।

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मौनी अमावस्या पर त्रिवेणी स्नान करने आये करोड़ों श्रद्धालुओं को वापसी के लिये जब ट्रेन या बस उपलब्ध नहीं हुई तो भीड़ आश्रय स्थलों की ओर बढ़ी, लेकिन वह तो कब के भर चुके थे। स्टेशन जाने वाली पुराने शहर की सड़कें श्रद्धालुओं से पटी पड़ी थीं। प्रशासन भी असहाय था, ऐसे में मुस्लिम समाज मदद के लिए आगे आया। लोगों के घरों, मस्जिदों और इमामबाड़ों के दरवाजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गये। कई मुस्लिम व्यापारियों की अगुवाई में हजारों लोगों को न केवल रात को रुकने का ठिकाना मिला, बल्कि भोजन, पानी और कम्बल भी उन्हें दिए गये।

अब महाकुंभ के तीसरे और महत्वपूर्ण शाही स्नान- बसंत पंचमी के लिए करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ संगम की ओर बढ़ रही है तो मुस्लिम समाज ने एक बार फिर श्रद्धालुओं के लिए अपने घरों, मस्ज्दिों और इमामबाड़ों के दरवाजे खुले रखने और उनके लिए सारी व्यवस्था करने का ऐलान किया है। यादगारे हुसैनी इंटर काॅलेज के प्रबंधक गौहर काजमी ने कहा है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के रहने और खाने की व्यवस्था की जा रही है। हम उनके लिए बेहतर सुविधा करेंगे। मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं के लिए शहरारा बाग मस्जिद खुलवाने वाले बेकरी कारोबारी राशिद सगीर कह रहे हैं कि हम जरूरतमंदों को बिस्तर, कम्बल जो भी आवश्यक होंगा देंगे। कुछ युवा कारोबारियों ने अमावस्या पर उन श्रद्धालुओं को अपने निजी साधन से भिजवाया था, जिनके वाहन 10-15 किमी दूर थे। वह युवा दोबारा सेवा देने के लिए तैयार हैं। सामाजिक सेवा के लिए सम्मानित दिव्यांग नसीफा बेगम ने एक बार फिर कहा है कि वह श्रद्धालुओं को निःशुल्क चाय और नाश्ता देंगी। रेलवे स्टेशन के पास पिछली बार भंड़ारा चलाने वाले मंसूर उस्मानी और आफताब अपने सहयोगियों के साथ बसंत पंचमी पर आये श्रद्धालुओं के लिए भंडारा चलाएंगे।

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