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मातृभक्ति से राष्ट्रभक्ति

एकदा
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तमिलनाडु के विरुधुनगर में 15 जुलाई, 1903 को कामाक्षी कुमारस्वामी नादेर नामक एक बालक का जन्म हुआ। उसने 4 वर्ष की आयु में पारंपरिक स्कूल में जाना प्रारम्भ कर दिया था। छह वर्ष की अल्पायु में इनके पिता का देहावसान हो गया। पिता की मृत्योपरांत घर के कामकाज और खर्च का बोझ इनकी मां पर आन पड़ा। माता की यह दयनीय स्थिति देख, बालक कामाक्षी कुमारस्वामी ने मां को घर के काम में सहायता हेतु अपनी पढ़ाई छोड़ दी। थोड़ा बड़ा हुआ तो बाल गंगाधर तिलक द्वारा चलाये जा रहे होम रूल आंदोलन में भाग लेना शुरू कर दिया। भारत की आज़ादी हेतु पूर्णकालिक राजनीतिक कार्यकर्ता के साथ-साथ 1946 में कामाक्षी कुमारस्वामी भारत के संविधान सभा के लिए चुने गए। लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में अहम योगदान देने वाला मातृभक्त और राष्ट्रभक्त बालक यह कामाक्षी कुमारस्वामी ही नादेर के कामराज थे। जिनके नाम से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी बनी थी। देश सेवा के जज्बे में इनका कम पढ़ा-लिखा होना कभी आड़े नहीं आया।

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