सन् 2009 में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ब्रायन एक्टन ने फेसबुक और ट्विटर में नौकरी के लिए आवेदन किया। दोनों कंपनियों ने उन्हें अस्वीकार कर दिया। एक ट्वीट में उन्होंने लिखा— ‘फेसबुक ने मुझे ठुकरा दिया, यह एक शानदार अवसर था, लेकिन शायद आगे कुछ और बेहतर मेरा इंतजार कर रहा है।’ इस अस्वीकृति ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि एक नई राह पर प्रेरित किया। उन्होंने अपने मित्र जेन कौम के साथ मिलकर एक नया एप शुरू किया – एक सरल, विज्ञापन-मुक्त मैसेजिंग सेवा, जिसका नाम था व्हाट्सएप। कुछ ही वर्षों में व्हाट्सएप दुनिया का सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग एप बन गया। वर्ष 2014 में उसी फेसबुक ने जिसे ब्रायन ने आवेदन दिया था, इस एप को 19 अरब डॉलर में खरीद लिया। तकनीकी इतिहास की सबसे बड़े अधिग्रहणों में से एक। ब्रायन एक्टन का यह सफर दर्शाता है कि अस्वीकृति अंत नहीं होती; वह अक्सर एक नई शुरुआत का संकेत होती है।
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