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Panchang 17 September 2025: एकादशी तिथि का श्राद्ध आज, पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये काम

Ekadashi Shraddha 2025: आज एकादशी तिथि है, यानी आज एकादशी का श्राद्ध व व्रत है। पितृपक्ष की सभी तिथियां विशेष महत्व रखती हैं, लेकिन एकादशी तिथि का श्राद्ध अत्यंत फलदायी माना गया है। पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक एकादशी तिथि...

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सांकेतिक फोटो। गया के विष्णुपद मंदिर में पितृ पक्ष के अवसर पर लोग अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए अनुष्ठान करते हुए। पीटीआई फाइल फोटो
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Ekadashi Shraddha 2025: आज एकादशी तिथि है, यानी आज एकादशी का श्राद्ध व व्रत है। पितृपक्ष की सभी तिथियां विशेष महत्व रखती हैं, लेकिन एकादशी तिथि का श्राद्ध अत्यंत फलदायी माना गया है।

पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। भगवान विष्णु की आराधना से मोक्ष का मार्ग प्रशस्त होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें तृप्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति का द्वार खुलता है।

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एकादशी श्राद्ध पर कुछ उपाय करने से पितृ दोष से मुक्ति पाई जा सकती है। श्राद्ध कर्म के बाद अनाज, वस्त्र और धन का दान करने से घर में समृद्धि बनी रहती है। गाय को हरा चारा खिलाकर और पितरों से भूल-चूक के लिए क्षमा मांगने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन पितृ स्तोत्र या गरुड़ पुराण का पाठ कराने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

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इसके अतिरिक्त, एकादशी श्राद्ध पर व्रत रखना और विष्णु जी की पूजा करना अत्यंत शुभ होता है। घर में घी का दीपक जलाकर विष्णु मंत्रों का जाप करें तथा पितरों की स्मृति में दक्षिण दिशा में भी दीप प्रज्वलित करें। इन उपायों से पितृ प्रसन्न होते हैं, दोष का प्रभाव कम होता है और परिवार पर सुख-समृद्धि बनी रहती है।

Panchang 17 September 2025: राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 26, शक संवत 1947

विक्रम संवत 2082

मास (चंद्र) अश्विन, कृष्ण पक्ष

तिथि एकादशी (अर्धरात्रोत्तर 11:40 तक), उपरांत द्वादशी

वार बुधवार

सौर मास आश्विन मास प्रविष्टे 02

अंग्रेजी तिथि 17 सितम्बर 2025 ई.

सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल

ऋतु शरद ऋतु

राहुकाल दोपहर 12:00 बजे से 01:30 बजे

नक्षत्र पुनर्वसु (प्रातः 06:26 तक), उपरांत पुष्य

योग शिव योग (रात्रि 09:37 तक), उपरांत सिद्धि योग

करण बालव (11:29 तक), उपरांत कौलव

विजय मुहूर्त दोपहर 02:18 से 03:07 तक

निशीथ काल रात 11:52 से 12:39 तक

गोधूलि बेला शाम 06:24 से 06:47 तक

चंद्र राशि कर्क राशि (दिन-रात)

विशेष पर्व/व्रत इंदिरा एकादशी व्रत एवं एकादशी श्राद्ध

डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

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