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Dussehra 2025 : अधोया में 12वीं के छात्र ने बनाया 65 फुट का रावण, 3 महीने की मेहनत लाई रंग; जानें कुल लागत

अधोया में पुलिस थाने के समीप दशहरा महोत्सव का आज आयोजन किया जाएगा

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Dussehra 2025 : दशहरे का त्योहार कल धूमधाम से मनाया जाएगा। पूरे देश में रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। रावण का पुतला बनाने के लिए जहां बड़े-बड़े कारीगरों ने काम किया है। अधोया में एक छात्र ने 65 फुट का रावण का आकर्षक पुतला तैयार कर हैरान कर दिया है। दरअसल अधोया में पुलिस थाने के समीप दशहरा महोत्सव का आज आयोजन किया जाएगा।

इसके लिए रावण को बीते कल खड़ा किया गया था। सुंदर लाइटिंग में रात को यह पुतला और भी आकर्षित लगता है। श्री रामलीला क्लब अधोया के प्रधान संदीप चौहान ने बताया कि क्लब सदस्यों के अलावा ग्रामवासियों के सहयोग से यह आयोजन किया जाता है। अधोया में वर्ष 1952 से रामलीला का मंचन किया जाता है और तभी से यहां रावण दहन की प्रथा है। आज भी यहां की रामलीला क्षेत्र में प्रसिद्ध है। अधोया में रावण दहन शाम ढलने से पहले कर दिया जाता है। इस बार दशहरा महोत्सव में नगरपालिका बराड़ा के मनोनीत पार्षद बलजिन्द्र सिंह जग्गी मुख्यतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। दोपहर 4 बजे से शोभायात्रा होगी और सांय 6.30 बजे रावण दहन किया जाएगा।

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हर वर्ष बढ़ता जा रहा है रूझान

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क्लब के उपप्रधान आशीष गर्ग और महासचिव अनिल कुमार ने बताया कि जब से गांव में रामलीला का मंचन शुरू हुआ था, तभी से रावण दहन होता था। उस समय क्लब के सदस्य खुद घास-फूस से रावण का पुतला तैयार करते थे। आधुनिकता के साथ प्रारूप बदलता गया और इसके बाद कारीगरों से पुतला बनवाया जाता था। इस बार छात्र गुरबचन ने बहुत ही आकर्षक और ऊंचा पुतला बनाया है, जो देखने योग्य है। उन्होंने कहा कि 1999 से क्लब की बागडोर संदीप चौहान ने संभाली और तब से हमारे क्लब ने उनके नेतृत्व में एक नए आयाम को छुआ है। इस मौके पर क्लब के अन्य सदस्य राजीव गर्ग, करण राणा, भोला राणा, अमनदीप सिंह, मनी, दीपक कपूर आदि मौजूद थे।

12 साल की उम्र में बनाया पहला रावण का पुतला

अधोया के सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा के छात्र गुरबचन प्रजापत ने बताया कि उसे शुरू से ही ड्राइंग बनाने का शौक रहा है। जब वह 12 साल का था तो उसने वेस्ट गत्ते और पेपर से 5 फुट का रावण का पुतला बनाया। उसके पिता राजेश कुमार ने उसका हौसला बढ़ाया। पिछले वर्ष उसने बड़ा पु़तला बनाने की सोची और करीब दस हजार रुपए खर्च करके 25 फुट का रावण का पुतला बनाया।

उसी पुतले को देखकर इस बार श्री रामलीला क्लब ने उसे दशहरा महोत्सव में पुतला बनाने का काम दिया। गुरबचन ने बताया कि उसका बड़ा भाई गुरबख्श वैल्डिंग का काम करता है, जिसने उसकी मदद की। दोनों भाईयों ने मिलकर करीब डेढ़ लाख के खर्च से 65 फुट ऊंचा पुतला बनाया। इसमें उन्होंने किसी मजदूर या कारीगर की मदद नहीं ली।

यह सामान लगा पुतला बनाने में

गुरबचन ने बताया कि पुतला बनाने में कपड़ा एक थान, लोहा तीन क्विंटल, तीस बांस 15 फुट के, 6 बंडल सूतली, पेपर, चार्ट पेपर, सूतली बम, लाईटें लगाई गई। फाइबर ग्लास चेहरा तैयार किया गया। उसने कहा कि अगले साल उसका उद्देश्य 80 फुट ऊंचा पुतला बनाने का है। उसने पुतला बनाने के लिए ना तो कहीं से सीखा और ना ही किसी से इसके बारे में पूछा, बल्कि खुद ही ड्राइंग के तौर पर इसे बना दिया।

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