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Dadi-Nani Ki Baatein: रात में रोते हुए घर से बाहर न निकलें, भूत पकड़ सकते हैं, ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?

Dadi-Nani Ki Baatein: रात में रोते हुए घर से बाहर न निकलें, भूत पकड़ सकते हैं, ऐसा क्यों कहती है दादी-नानी?
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चंडीगढ़, 6 मई (ट्रिन्यू)

Dadi-Nani Ki Baatein : “रात में रोते हुए घर से बाहर न निकलें, भूत पकड़ सकते हैं,” यह बात भारतीय समाज में दादी-नानी की कहानियों और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। यह सुनने में डरावनी जरूर लगती है लेकिन इसके पीछे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और सांस्कृतिक कारण छिपे होते हैं।

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सुरक्षा की चिंता

सबसे पहला और व्यावहारिक कारण सुरक्षा से जुड़ा है। रात के समय अंधेरा होता है और खतरों की संभावना अधिक होती है। दादी-नानी जब बच्चों को यह बात कहती हैं तो उनका उद्देश्य उन्हें रात में बाहर निकलने से रोकना होता है ताकि वे किसी दुर्घटना, जानवरों के हमले या किसी असामाजिक तत्व के खतरे से सुरक्षित रह सकें।

भावनात्मक स्थिति की नाजुकता

जब कोई बच्चा या व्यक्ति रो रहा होता है तो वह भावनात्मक रूप से अस्थिर होता है। ऐसे समय में वह सही निर्णय नहीं ले पाता और गलत दिशा में चल सकता है या किसी नुकसानदायक स्थिति में फंस सकता है। दादी-नानी यह समझती हैं कि दुखी मन से बाहर निकलना और फिर अंधेरे में अकेले भटकना, खतरे को बुलावा देने जैसा हो सकता है।

नींद और स्वास्थ्य का महत्व

रात का समय विश्राम और नींद के लिए होता है। यदि बच्चा रोते हुए रात में बाहर जाता है, तो उसकी नींद और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। दादी-नानी जानती हैं कि अच्छी नींद एक बच्चे के विकास के लिए जरूरी है। इसलिए, वे उसे रोकने के लिए इस तरह की डरावनी बातों का सहारा लेती हैं।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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