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Dadi-Nani Ki Baatein : क्या रात में दूध देने से सच में चली जाती है मां लक्ष्मी? जानिए क्या कहती है दादी-नानी की परंपराएं

Dadi-Nani Ki Baatein : क्या रात में दूध देने से सच में चली जाती है मां लक्ष्मी? जानिए क्या कहती है दादी-नानी की परंपराएं
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Milk Price Hike: सांकेतिक फाइल फोटो।
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चंडीगढ़, 19 मई (ट्रिन्यू)

Dadi-Nani Ki Baatein : "रात को दूध देना मना है, माता लक्ष्मी चली जाती है" यह एक ऐसी कहावत है जो अक्सर बड़े-बुजुर्ग, दादी-नानी से सुनने को मिलती है। इस प्रकार की मान्यताएं भारतीय संस्कृति में गहराई से जुड़ी हुई हैं। इनमें धार्मिक विश्वास, सामाजिक नियम और व्यवहारिक सोच का मिश्रण होता है।

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धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यता

भारतीय संस्कृति में देवी लक्ष्मी को धन, समृद्धि और शुभता की प्रतीक माना जाता है। यह माना जाता है कि रात का समय नकारात्मक शक्तियों और अस्थिरता का समय होता है। इस समय कोई भी कीमती चीज़ देना या उधार देना देवी लक्ष्मी का अपमान माना जाता है। इसलिए रात को दूध देना ऐसा माना जाता है मानो आप समृद्धि को अपने घर से बाहर भेज रहे हों। खासकर शुक्रवार और पूर्णिमा की रात को यह और भी अशुभ माना जाता है।

क्या कहती है दादी-नानी

पुराने समय में जब न बिजली होती थी और न फ्रिज, तब दूध जैसी जल्दी खराब होने वाली चीज़ों को सुरक्षित रखना मुश्किल था। रात में दूध देने का मतलब होता था कि वह रास्ते में गिर सकता है, खराब हो सकता है या दूषित हो सकता है। इसके अलावा, अंधेरे में बाहर जाने में भी खतरा रहता था... जानवरों का डर, रास्ता भटकने का खतरा या गिरने की संभावना इसलिए दादी-नानी ने बच्चों को ऐसा न करने की शिक्षा दी ताकि वे सुरक्षित रहें।

इसलिए भी मना करती है दादी-नानी

दादी-नानी के जमाने में समाज में कुछ नियम और अनुशासन बनाए रखने के लिए इस तरह की बातों को मान्यता दी जाती थी। दूध, घी जैसी चीजें बहुमूल्य मानी जाती थीं। अगर कोई बार-बार रात में आकर दूध मांगे, तो वह शंका का विषय हो सकता है – कहीं चोरी, जादू-टोने या किसी गलत उद्देश्य के लिए तो नहीं लिया जा रहा? इसलिए समाज में एक अलिखित नियम बन गया कि रात में दूध देना वर्जित है।

नकारात्मक ऊर्जा का डर

कुछ लोग मानते हैं कि रात में वातावरण की ऊर्जा शुद्ध नहीं होती। इसलिए कोई भी शुद्ध वस्तु जैसे दूध, तुलसी जल या पूजा का प्रसाद रात में बाहर देना या लेन-देन करना अशुभ माना जाता है। यह भी माना जाता है कि रात को सकारात्मक ऊर्जा घटती है और नकारात्मक शक्तियां सक्रिय होती हैं। ऐसे में शुभ कार्य या वस्तु का दान उल्टा असर डाल सकता है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

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