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सम्मान का मापदंड

एकदा

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एक चित्रकार सम्राट नेपोलियन से मिलने आया। जब नेपोलियन ने उसके मैले-कुचैले कपड़े देखे, तो उसने न तो उसका सम्मान किया और न ही उसे अपने नजदीक बैठने दिया। लेकिन बाद में बातचीत करने पर यह पता चला कि वह न केवल एक प्रसिद्ध चित्रकार था, बल्कि एक बहुत बड़ा विद्वान भी था। जब चित्रकार वहां से जाने लगा, तो नेपोलियन खुद उठकर उसे सम्मानपूर्वक विदा करने मुख्य द्वार तक गए। चित्रकार ने हैरान होकर उनसे पूछा, ‘जब मैं आपसे मिलने आया था, तो आपने मुझसे ठीक से बात तक नहीं की थी, लेकिन अब आप मुझे इस तरह सम्मान के साथ विदा करने आए हैं, इसका कारण क्या है?’ नेपोलियन मुस्कुराते हुए बोले, ‘आने वाले व्यक्ति का सम्मान उसकी पोशाक देखकर किया जाता है, लेकिन जाते वक्त उसका सम्मान उसके गुणों को देखकर किया जाता है।’

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