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Chhath Puja : डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर मनाया गया छठ महापर्व, वातावरण भजन-कीर्तन से गूंजा; तस्वीरों में देखें नजारा

पूजा-अर्चना की गूंज ने मनमोहक दृश्य उत्पन्न किया

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छठ महापर्व के अवसर पर सोमवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा तट पर एकत्र हुए और डूबते सूर्य को शाम का अर्घ्य अर्पित किया। सूर्यास्त के साथ ही राजधानी पटना के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने अर्घ्य दिया, जिससे पूरा वातावरण भजन-कीर्तन से गूंज उठा।

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पटना के काली घाट, कदम घाट, पटना कॉलेज घाट और कृष्णा घाट पर जल में तैरती दीपमालाओं की चमक और पूजा-अर्चना की गूंज ने मनमोहक दृश्य उत्पन्न किया। सूर्य भगवान की स्तुति में भजन भी गाए गए। जिले के प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पटना के घाटों पर कपड़े बदलने की व्यवस्था समेत सुरक्षा के विभिन्न उपाय किए गए थे।

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पटना के महेंद्रू इलाके के निवासी विक्रम सिंह ने कहा कि मैं पिछले 12 सालों से पटना कॉलेज घाट आ रहा हूं, लेकिन ऐसी व्यवस्था कभी नहीं देखी। हर वर्ष जिला प्रशासन श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के लिए अतिरिक्त प्रयास करता है। कृष्णा घाट और कदम घाट पर भी शाम को भारी भीड़ देखने को मिली। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सरकारी आवास एक अणे मार्ग पर परिवार के सदस्यों के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठ उत्सव में भाग लिया।

उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मुंगेर जिले के तारापुर स्थित अपने पैतृक आवास में पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। चौधरी तारापुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। चार दिवसीय यह पर्व 25 अक्टूबर को ‘नहाय-खाय' के साथ आरंभ हुआ था और 28 अक्टूबर को संपन्न होगा। यह कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को और दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन श्रद्धालु सूर्य भगवान और छठी मैया की आराधना कर अपने परिवार और संतानों के सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं।

पर्व के पहले दिन ‘नहाय-खाय' के तहत श्रद्धालु गंगा समेत अन्य नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं। दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और शाम को सूर्य व चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है। तीसरे दिन को ‘पहला अर्घ्य' या ‘संध्या अर्घ्य' कहा जाता है, जब परिवारजन नदी तट पर जाकर प्रसाद व अर्घ्य अर्पित करते हैं। चौथे और अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व का समापन होता है।

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