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Chaitra Navratri 2025 : मां दुर्गा ने यहां किया था महिषासुर का वध, मंदिर तक जाने के लिए चढ़नी पड़ेगी 1000 सीढ़ियां

18 महा शक्तिपीठों में से एक है चामुंडेश्वरी मंदिर, देवी सती के गिरे थे बात
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चंडीगढ़, 1 अप्रैल (ट्रिन्यू)

Chaitra Navratri 2025 : मैसूर, कर्नाटक में स्थित देवी चामुंडेश्वरी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर देवी चामुंडेश्वरी को समर्पित है, जो माता दुर्गा के रूप में पहचानी जाती हैं और शक्ति की देवी के रूप में पूजी जाती हैं। चलिए चैत्र नवरात्रि के इस अवसर पर हम आपको बताते हैं इस अद्भुत मंदिर की खासियत...

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राक्षस महिषासुर का वध

यह मंदिर अपनी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। किंवदंती के अनुसार, देवी चामुंडेश्वरी ने यहीं राक्षस महिषासुर का वध किया था, जिसके बाद उन्होंने इस स्थान पर निवास किया। यह तीर्थस्थान 18 महा शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यहां माता सती के बाल गिरे थे। मंदिर में देवी की मूर्ति को शांति, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

बहुत पुराना है मंदिर का इतिहास

यह मंदिर करीब 1000 वर्ष पुराना और प्राचीन है। यह मंदिर मैसूर राज्य के संस्थापक, राजा चामराजा वोडेयार द्वारा 14वीं शताब्दी में पुनर्निर्मित किया गया था। हालांकि यह मंदिर पहले से ही एक पवित्र स्थल था, लेकिन दोबारा स्थापना के बाद से यहां भक्तों की भीड़ लगने लगी। पौराणिक समय में इस क्षेत्र को क्रौंच पुरी के नाम से भी जाना जाता था, इसलिए इस मंदिर को क्रौंच पीठम भी कहा जाता है।

पवित्र कुंड के जल का लेते हैं आशीर्वाद

मंदिर में एक भव्य गोपुरम प्रवेश द्वार है, जो इसे और भी खास बनाता है। वहीं, मंदिर के अंदर देवी चामुंडेश्वरी की प्रमुख मूर्ति स्थित है। मूर्ति को सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है। मंदिर के नीचे एक पवित्र कुंड है। यहां पूजा करने के बाद श्रद्धालु कुंड का जल जरूर ग्रहण करते हैं। इस कुंड का जल पीने से सभी रोग दूर हो जाते हैं।

मंदिर में जाने के लिए चढ़नी पड़ेंगी 1000 से ज्यादा सीढ़ियां

चामुंडी पहाड़ी पर स्थित होने के कारण यहां से शहर का शानदार दृश्य देखा जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए एक पहाड़ी की चढ़ाई करनी होती है, जिसमें 1000 से ज्यादा सीढ़ियां हैं। इनसे चढ़ते हुए श्रद्धालु देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं, जोकि काफी चुनौतीपूर्ण है। हर साल यहां रथ महोत्सव मनाया जाता है, जो अत्यधिक धूमधाम और भक्तिभाव से भरपूर होता है। मंदिर के द्वार पर एक राक्षस की विशाल मूर्ति भी बनी हुई है।

दशहरे पर लगती है खूब रौनक

यहां के प्रमुख त्योहारों में चामुंडेश्वरी जयंती, दशहरा और नवरात्रि प्रमुख रूप से मनाए जाते हैं, जब मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। चामुंडेश्वरी मंदिर में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक 'दशहरा' है, जिसे 'मैसूर दशहरा' के नाम से जाना जाता है।

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