Amla Navami 2025: आंवला नवमी आज, जानें क्या है धार्मिक मान्यता और पूजा विधि
Amla Navami 2025: आज आंवला नवमी है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाने वाली आंवला नवमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस...
Amla Navami 2025: आज आंवला नवमी है। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाने वाली आंवला नवमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष में वास करते हैं। आंवला वृक्ष की पूजा करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और आरोग्य की वृद्धि होती है।
पंडित अनिल शास्त्री के मुताबिक आज के दिन महिलाएं और पुरुष व्रत रखते हैं, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करते हैं। आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा, भजन-कीर्तन और दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
आंवला नवमी को कई नामों से जाना जाता है — जैसे इच्छा नवमी, आरोग्य नवमी, धात्री नवमी, कूष्मांड नवमी आदि। उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे आंवला पर्व या आंवला एकादशी भी कहा जाता है।
इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने की परंपरा है। मान्यता है कि इससे दांपत्य जीवन में सौहार्द, संतान-सुख और दीर्घायु प्राप्त होती है। आंवला नवमी केवल पूजा का दिन नहीं, बल्कि प्रकृति और भक्ति का संगम है। आंवला वृक्ष को ईश्वर का स्वरूप मानकर उसकी पूजा और सेवन करने से तन-मन स्वस्थ रहता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
Panchang 31 October 2025: राष्ट्रीय मिति कार्तिक 09
शक संवत् 1947
विक्रम संवत् 2082
मास कार्तिक
पक्ष शुक्ल पक्ष
तिथि नवमी (प्रातः 10:04 बजे तक), उपरांत दशमी आरंभ
वार शुक्रवार
सौर मास कार्तिक मास प्रविष्टे 14
अंग्रेज़ी तिथि 31 अक्टूबर 2025 ई.
सूर्य स्थिति दक्षिणायण, दक्षिण गोल
ऋतु हेमन्त ऋतु
राहुकाल प्रातः 10:30 बजे से मध्याह्न 12:00 बजे तक
नक्षत्र घनिष्ठा (सायं 6:51 बजे तक), उपरांत शतभिषा आरंभ
योग वृद्धि योग (अर्धरात्रोत्तर 4:32 बजे तक), उपरांत ध्रुव योग आरंभ
करण कौलव (प्रातः 10:04 बजे तक), उपरांत गर करण आरंभ
विजय मुहूर्त दोपहर 1:55 बजे से 2:39 बजे तक
निशीथ काल रात 11:39 बजे से 12:31 बजे तक
गोधूलि बेला शाम 5:37 बजे से 6:03 बजे तक
चंद्र स्थिति प्रातः 7:00 बजे तक मकर राशि, उपरांत कुंभ राशि में संचार
डिस्कलेमर: यह लेख धार्मिक आस्था व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribuneonline.com इसकी पुष्टि नहीं करता। जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें।

