Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

मनोहारी परिवेश में आस्था का पौराणिक केंद्र

रामेश्वरम धाम
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

पारुल आनंद

देश में बहुत से मंदिर ऐसे हैं, जो श्रद्धालुओं की विशेष आस्था का केंद्र हैं। इन धार्मिक मंदिरों में दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। इनमें सबसे प्रमुख चार धामों को माना जाता है। ये चारों धाम अलग-अलग चार दिशाओं में मौजूद हैं—उत्तर दिशा में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्वरम, पूर्व दिशा में पुरी और पश्चिम दिशा में द्वारकापुरी।

Advertisement

हिन्दू धर्म से जुड़े चार धामों में से रामेश्वरम एक है। बारह ज्योतिर्लिंगों में इसका अपना ही महत्व है। यह ज्योतिर्लिंग किसी द्वारा बनाया नहीं गया, बल्कि स्वयं प्रकट हुआ है। यह भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में समुद्र के किनारे स्थित है। इस ज्योतिर्लिंग की वही मान्यता है, जो उत्तर प्रदेश स्थित काशी विश्वनाथ की है। यहां श्रद्धालुओं का पूरे साल तांता लगा रहता है।

रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की कथा

मान्यता है कि तमिलनाडु के तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग रामायणकाल से विराजमान है। कहा जाता है कि श्रीराम ने लंकापति रावण से युद्ध करने से पहले विजय की कामना लिए हुए इसी स्थान पर रेत का शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की साधना की थी। दूसरी मान्यता है कि जब प्रभु श्रीराम लंका से रावण का वध करके पधारे तो ऋषियों ने उन्हें ब्रह्म हत्या से बचने के लिए शिव की आराधना करने के लिए कहा। तब माता सीता ने रेत के शिवलिंग बनाये और उसकी आराधना की। विश्वास है कि वह शिवलिंग तब से यहीं स्थापित है।

आकर्षक मंदिर

यह मंदिर करीब 15 एकड़ में फैला हुआ है। मन्दिर के प्रांगण और इमारतें खूबसूरत और आकर्षक हैं। इसके चारों ओर पत्थर की मज़बूत दीवारें है। मंदिर का प्रवेश द्वार 40 मीटर ऊंचा है। इसके गलियारे में 108 शिवलिंग और गणपति जी के दर्शन होते हैं। मंदिर की नक्काशी लाजवाब है।

स्नान से दूर होते हैं कष्ट

रामेश्वरम मंदिर में 24 मीठे पानी के कुएं हैं। माना जाता है कि कुएं के पानी से स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। यह माना जाता है प्रभु श्रीराम ने अपने अमोघ बाणों से यह कुआं बनाया था।

उत्तम समय और यात्रा

यहां नवंबर से फरवरी के महीने में जा सकते हैं। इस समय न तो गर्मी होती है न ही ठंड। आप रेल से मदुरै रेलवे स्टेशन पर उतर कर रामेश्वरम के लिए सीधी टैक्सी ले सकते है। हवाई जहाज से भी मदुरै तक आकर टैक्सी ले सकते हैं। रामेश्वरम का सफर हमेशा यादगार रहता है। क्योंकि यह पुरातत्व और सनातन से जुड़ाव का एक केंद्र है।

Advertisement
×