मदन गुप्ता सपाटू
अप्रैल में 8 ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। यह सिलसिला 7 अप्रैल से शुरू हो जाएगा, जब मंगल ग्रह का मकर राशि से कुंभ में गोचर होगा। इसके अगले दिन बुध ग्रह का मेष राशि में प्रवेश होगा। 12 अप्रैल को राहु-केतु अपनी राशि बदलेंगे। राहु उलटी चाल चलते हुए मेष राशि में और केतु का तुला राशि में गोचर शुरू होगा। 13 अप्रैल को देव गुरु बृहस्पति शनि की मूल त्रिकोण राशि को छोड़कर अपनी मीन राशि में प्रवेश करेंगे। 14 अप्रैल को सूर्य अपनी उच्च मेष राशि में आ जाएंगे। 27 अप्रैल को शुक्र ग्रह भी अपनी उच्च मीन राशि में गोचर करेंगे। 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
5 अप्रैल को मंगल और शनि का एक ही राशि में एक समान डिग्री में आना कुछ देशों में तनाव और आंतरिक उथल-पुथल मचा सकता है। किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा की वजह भी बन सकता है। 30 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन यूरोपीय देशों में इसका प्रभाव पड़ेगा। ग्रहों का यह बदलाव भारत की अर्थव्यवस्था और आईटी सेक्टर के लिए सुखद रहने वाला है। सूर्य का अपनी उच्च राशि में गोचर सरकारी व्यवस्था से लाभ दर्शा रहा है। यह शिक्षा, अनुसंधान, राजनीति के क्षेत्र में बड़े बदलाव की ओर संकेत कर रहा है। वहीं
14 मई तक बन रही राहु और सूर्य की युति भी राजनीति के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन का संकेत दे रही है।