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नहीं रहे हरियाणवी सिनेमा के सितारे मनफूल सिंह दांगी

सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र) हरियाणवी रंगमंच के प्रमुख स्तंभ और प्रसिद्ध लोक कलाकार मनफूल सिंह दांगी का रविवार रात को निधन हो गया। 78 वर्षीय डांगी ने प्रसिद्ध हरियाणवीं फिल्म चंद्रावल की प्रमुख अभिनेत्री चंद्रावल के पिता का अभिनय किया था। वह इस फिल्म के गीतकार और नृत्य निर्देशक भी थे। सोमवार सुबह उनके गांव […]
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सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र)
हरियाणवी रंगमंच के प्रमुख स्तंभ और प्रसिद्ध लोक कलाकार मनफूल सिंह दांगी का रविवार रात को निधन हो गया। 78 वर्षीय डांगी ने प्रसिद्ध हरियाणवीं फिल्म चंद्रावल की प्रमुख अभिनेत्री चंद्रावल के पिता का अभिनय किया था। वह इस फिल्म के गीतकार और नृत्य निर्देशक भी थे। सोमवार सुबह उनके गांव राजपुर में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
सोनीपत जिले के गांव राजपुर में 15 मार्च 1939 को जन्मे मनफूल सिंह दांगी ने सबसे पहले 4 जुलाई 1959 को मोतीलाल नेहरू स्पोटर्स स्कूल राई के उद्घाटन के लिए पहुंचे पंडित जवाहर लाल नेहरू के स्वागत में गीत गाकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। इस गीत के बोल थे कि ….जन्म-जन्म की आशा पूरी होगी खुशी मना कै। म्हारा रोम-रोम पुलकित हो रैया सै तेरे तिलक लगाकै।। इस गीत से प्रभावित होकर तत्कालीन डीपीआरओ रोहतक ने उन्हें नाटक मंडली में बतौर कलाकार नियुक्ति दी थी। इसके बाद वह लोक संपर्क विभाग में 32 वर्ष कलाकार और फिर स्टेज मास्टर, नाटक निरीक्षक और एफपीए के पदों पर 39 वर्ष सेवारत रहे।
मुंबई में धाक जमाने वाले पहले हरियाणवीं दांगी की गायकी की धूम मुंबई तक रही है। पोलीडोर आफ इंडिया रिकार्डिंग कंपनी ने उनके गीतों की आडियो रिलीज की। इनमें सजना मैं जांगी मेले मैंट्टट्ट, गोरी म्हारे गाम की, नजर लागी रंडुए कीट्टट्ट बहुत प्रसिद्ध रही हैं।

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गीत हर युवा की जुबान पर
हरियाणा की सुपर हिट फिल्म चंद्रावल में उनके लिखे गीत ‘गाडे आली गजबण छोरी’ और तू जंगल की मोरणी मैं छौरा जाट का, आज भी लोगों की जुबान पर हैं। पिछले 50 वर्षों में जितनी भी हरियाणवी फिल्में आई उनमें उन्हें अभिनय, संगीतकार, कहानीकार, गीतकार और स्क्रीन प्ले लेखक के तौर पर भूमिका निभाई। हरियाणवी लोकनृत्य पर गाए जाने वाले 150 लोकगीतों का संग्रह उन्होंने किया है। प्रदेश में अलग-अलग अवसर पर गाए जाने वाले सैकड़ों ब्याह-शादी, सामण, कार्तिक के गीतों का संग्रह भी उन्हीं की देन है।

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