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ओरोविल: महर्षि अरविन्द की अध्यात्म नगरी पांडिचेरी

डा. देश राज कायस्थ तमिलनाडु प्रदेश में एक छोटा-सा केंद्रशासित प्रदेश है पुड्डुचेरी। भारत के राष्ट्रपति एक लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से वहां शासन करते हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए एक मंत्री परिषद है जो 33 सदस्यों वाली विधानसभा के प्रति उत्तरदायी है। प्राचीनकाल में अगस्त्य मुनि ने यहां पर  विशाल यज्ञ किया था और […]
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डा. देश राज कायस्थ

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तमिलनाडु प्रदेश में एक छोटा-सा केंद्रशासित प्रदेश है पुड्डुचेरी। भारत के राष्ट्रपति एक लेफ्टिनेंट गवर्नर के माध्यम से वहां शासन करते हैं। लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए एक मंत्री परिषद है जो 33 सदस्यों वाली विधानसभा के प्रति उत्तरदायी है। प्राचीनकाल में अगस्त्य मुनि ने यहां पर  विशाल यज्ञ किया था और इसे वेदपुरी का नाम दिया था। यहां के नगर देवता वेदपुरीश्वर कहलाते हैं। जब महर्षि अरविन्द अलीपुर बम कांड से मुक्त हुए तो उन्होंने पांडिचेरी में एक अध्यात्म आश्रम की स्थापना की जिसे नाम दिया गया ‘ओरोविल’ यानी उषा नगरी। इस ओरोविल के कारण पांडिचेरी विश्वविख्यात है।
1637 में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कम्पनी के यहां आने से पहले वेदपुरी एक छोटा-सा गांव था। फ्रांसिसियों ने इस गांव को एक समृद्ध व्यावसायिक केंद्र का स्वरूप दिया। लगभग 317 वर्ष तक फ्रांस के चंगुल में रहने के पश्चात सन्ï 1954 में फ्रांस सरकार ने भारत में फ्रांसिसी बस्तियों का अधिकार स्वतंत्र भारत की सरकार के हाथों में सौंप दिया। भारत सरकार ने फ्रांसीसी बस्तियों का एक संघ शासित प्रदेश बना दिया।
श्री अरविन्द आश्रम पांडिचेरी का प्रमुख आकर्षण है। अरविन्द आश्रम सारी मानव जाति का एक जगमगाता प्रकाश पुंज है। इस नगरी में विश्व के सभी देशों के लोग मिलजुल कर रहते हैं।
इसके मुख्य भवन में महर्षि अरविन्द व श्री मां की समाधियां बनी हुई हैं। ये समाधियां देश व विदेशों से आने वाले लाखों अध्यात्म प्रेमियों का आकर्षण केंद्र हैं। यहां पर आकर प्रत्येक प्राणी इन महान विभूतियों को अपने श्रद्धासुमन भेंट करता है। आश्रम में कई हजार स्थाई आश्रमवासी हैं। यहां के साफ-सुथरे भवन मुख्य आश्रम के चारों ओर बने हैं जो आने वाले यात्रियों के मन को भा जाते हैं। इसके अतिरिक्त हाथ से बने का$गज़ का कारखाना, आटा व तेल की मशीनें, कपड़ा बुनने के करघे, बेकरी, दुग्धशाला  चिकित्सालय, मुद्रणालय, शिक्षा केंद्र तथा खेलों के अति सुंदर मैदान हैं।
पांडिचेरी राजधानी भी है। इसका एरिया 492 स्कवेयर कि.मीटर है। भाषा तमिल तेलगू मलयालम फ्रेंच है। जनसंख्या 810000 पुरुष 401092 महिलाएं हैं। आमदनी प्रत्येक व्यक्ति 12000 रुपये। दूसरा बड़ा नगर कारीकल है क्षेत्रफल 160 स्कवेयर कि मीटर है और जनसंख्या 155715 के लगभग हैं।
90010 एरिया में खेती होती है और मुख्य पैदावार चावल है। यहां पर 21 बड़े व लगभग 60 दरम्याना कल कारखाने हैं, जिनमें कपड़ा, चीनी, धागा, शराब, पोटाशियम क्लोराइट, राइस ब्रान तेल, लाइटिंग वाशिंग मशीन, डिस्पोजल सीरेंज, शीशा और वायो पालोमर का उत्पादन होता है। इससे अतिरिक्त 4500 के लगभग स्माल स्केल इंडस्ट्रीज हैं। इन सबमें लगभग 51000 लोग काम करते हैं। सड़कों की लंबाई 600 किमीटर के लगभग है। यहां पर 15000 के लगभग फ्रांसीसी भी रहते हैं।
पांडिचेरी के अन्य दर्शनीय स्थल हैं राजभवन उद्यान, मेडीकल कैम्पस, डुपले स्थल, फ्रैंच संस्थान, बोटानिकल गार्डन, सैके्रड हार्ट आफ जीसस चर्च, विलियानूर मंदिर, समुद्र तट, गवर्नमेंट म्यूजियम गवर्नमेंट स्कवायर और बोट क्लब फ्रांसीसी बस्तियों को स्थापित करने वाले पूर्व गवर्नर डुप्ले की एक खड़ी मूर्ति है जिसके चारों ओर पत्थर के खंभे हैं। इस गवर्नर ने 40 वर्ष तक लगातार पांडिचेरी पर शासन किया। इस प्रतिमा के पीछे डुप्ले स्थल है। स्मारक के पश्चिम हाईकोर्ट, सचिवालय, प्रकाश स्तम्भ, पुस्तकालय व सरकारी भवन हैं।  राजभवन के बीचोबीच एक सुंदर उद्यान है जिसके बीच में एक युवती की प्रतिमा बनी हुई है। इसके हाथ में दो घड़े हैं, जिसमें नली द्वारा पानी निकल रहा है।
कहते हैं कि यह एक वेश्या का स्मारक है जो फ्रांसीसी राज्य के समय का है। पांडिचेरी में बोट पर पिकनिक का आनंद न लिया तो आप का पांडिचेरी जाना व्यर्थ रहा। पांडिचेरी पर्यटन विभाग का छुट्टी के दिनों में घुमाने का एक पैकेज भी है। इसका यात्री भरपूर आनंद उठा सकते हैं।  पांडिचेरी जाने के लिए चेन्नई-एगमोर द्वारा बिल्लुपुरम जाया जाता है और बिल्लुपुरम से सीधे पांडिचेरी ट्रेन द्वारा पहुंचा जा सकता है। पांडिचेरी का निकटतम हवाई अड्डा चेन्नई है। पांडिचेरी सड़क मार्ग से भारत के बड़े नगरों से जुड़ा है। सचमुच ओरोविल सही अर्थों में उषा नगरी है।

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